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13 जून 2025 को इजरायल ने ऑपरेशन राइजिंग लायन के तहत ईरान के 100 से अधिक सैन्य और परमाणु स्थलों पर हमला किया। इस हमले में ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडर और वैज्ञानिक मारे गए। ईरान ने जवाबी कार्रवाई में 100 से अधिक ड्रोन और मिसाइलें इजरायल की ओर दागीं, जिन्हें अधिकांशतः नष्ट कर दिया गया ।

हालांकि, इस संघर्ष के वर्ल्ड वॉर में बदलने की संभावना कम है, लेकिन रूस और चीन की भूमिका निर्णायक होगी। रूस ने चेतावनी दी है कि ईरान पर हमला मध्य पूर्व में स्थायी अस्थिरता ला सकता है । चीन ने भी इस संघर्ष को अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए खतरा बताया है।

अमेरिका ने इजरायल के आत्मरक्षा अधिकार का समर्थन किया है, लेकिन रूस और चीन के रुख से स्थिति और जटिल हो सकती है। यदि ये देश ईरान को सैन्य समर्थन देते हैं, तो अमेरिका और नाटो के साथ टकराव हो सकता है।

अगले 72 घंटे इस संकट के लिए महत्वपूर्ण हैं। वैश्विक नेताओं ने शांति की कोशिशें जारी रखी हैं, लेकिन तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इस संकट का परिणाम वैश्विक राजनीति और भविष्य के युद्धों की दिशा तय करेगा।

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