
Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश से एक राहत भरी खबर सामने आई है! राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे सार्वजनिक शिकायत निवारण प्रणाली (PGRS) कार्यक्रम के तहत, जमीन से जुड़े लंबे समय से लंबित कई मामलों को सफलतापूर्वक सुलझा लिया गया है। इस पहल में जिला कलेक्टर और राजस्व विभाग के अधिकारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे हजारों लोगों को सालों से चले आ रहे विवादों से मुक्ति मिली है।
यह कार्यक्रम लोगों की शिकायतों को तुरंत सुनने और उनका समाधान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, खासकर जमीन संबंधी मामलों में जो अक्सर लोगों के लिए सिरदर्द बन जाते हैं। PGRS बैठकों के दौरान, अधिकारियों ने लोगों की शिकायतों को सुना, आवश्यक दस्तावेजों की जांच की, और तुरंत मौके पर ही कई समस्याओं का समाधान किया।
किस तरह के मामले निपटाए गए? इन मामलों में भूमि अभिलेखों में त्रुटियां, स्वामित्व विवाद, सीमांकन संबंधी समस्याएं और अन्य राजस्व संबंधी मामले शामिल थे, जिनके कारण आम जनता को कई सालों से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। अधिकारियों ने इन जटिल मामलों को सुलझाने के लिए अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल किया, जिससे पीड़ितों को त्वरित न्याय मिल सका।
प्रशासन की प्रतिबद्धता: इस पहल की सफलता सरकार की इस प्रतिबद्धता को दर्शाती है कि वह जनता की समस्याओं को प्राथमिकता दे रही है और उन्हें त्वरित न्याय प्रदान करना चाहती है। जिला प्रशासन ने इस बात पर जोर दिया है कि ऐसे लंबित मामलों को जल्द से जल्द सुलझाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है ताकि लोगों को अनावश्यक रूप से सरकारी दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें।
PGRS कार्यक्रम, जो जनता और प्रशासन के बीच सीधे संवाद का मंच प्रदान करता है, ने एक बार फिर अपनी प्रभावशीलता साबित की है। यह पहल न केवल जमीन से जुड़े विवादों को कम करेगी, बल्कि पारदर्शिता को भी बढ़ावा देगी और लोगों का प्रशासन पर भरोसा बढ़ाएगी। उम्मीद है कि भविष्य में भी ऐसे ही प्रयासों से लोगों की समस्याओं का समाधान होता रहेगा।