
Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश की विधानसभा के मानसून सत्र का आज (11 अगस्त, 2025) आगाज हो गया है, और शुरुआत से ही राजनीतिक पारा गरमा गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर मुख्य विपक्षी दल, समाजवादी पार्टी (सपा), पर तीखा निशाना साधा। उन्होंने सपा पर विधानसभा की कार्यवाही में बाधा डालने और "अराजकता" फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष लोकतंत्र की मर्यादाओं को नहीं समझत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “समाजवादी पार्टी और लोकतंत्र, नदी के दो अलग-अलग किनारे हैं। इन लोगों का लोकतंत्र में कब से विश्वास हो गया? ये शब्द इनके मुंह से शोभा नहीं देते।” उन्होंने सपा पर आरोप लगाया कि उनकी सरकार के दौरान प्रदेश में "अराजकता, अपराध और भ्रष्टाचार चरम पर था" और व्यापारी वर्ग भयभीत था। योगी ने कहा कि सपा “विकास या जनकल्याण के मुद्दों पर चर्चा करने के बजाय, सिर्फ़ व्यवधान डालना चाहते हैं। उनकी सोच ही अराजक है, वे व्यवस्था को नहीं, अव्यवस्था को बढ़ावा देते हैं।”
विकास बनाम अराजकता: सरकार का पक्ष
मुख्यमंत्री ने सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि बीजेपी सरकार ने प्रदेश की छवि को बदला है और सुरक्षा, निवेश व विकास में नई ऊंचाइयां हासिल की हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी बच्चों को 'ग' से 'गणेश' पढ़ाती है, वहीं सपा 'ग' से 'गधा' पढ़ाती है, और इसी कारण उनकी बुद्धि भी गधे जैसी हो गई है। योगी ने यह भी दावा किया कि सपा ने शिक्षा व्यवस्था को तबाह कर दिया था, जिसमें नकल, भाई-भतीजावाद और माफियाराज हावी था।
सत्र की शुरुआत पर विपक्षी दलों, विशेषकर सपा, ने सरकार की चार दिवसीय सत्र योजना पर आपत्ति जताई है। सपा नेताओं का कहना है कि यह सरकार की नाकामियों को छिपाने का प्रयास है। हालांकि, सरकार का कहना है कि इस सत्र में 'विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश-2047' विजन डॉक्यूमेंट पर 24 घंटे की विशेष चर्चा होगी, जिसमें जनहित के मुद्दों पर सार्थक बहस की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी दलों से सकारात्मक और रचनात्मक चर्चा की अपील की है, ताकि समय का सदुपयोग हो और नकारात्मकता से बचा जा सके। उन्होंने विश्वास जताया कि उत्तर प्रदेश 'विकसित उत्तर प्रदेश' के रूप में अपनी पहचान बनाएगा
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