पंजाब इलेक्शन में AAP को मिली एतिहासिक जीत के बाद राज्यसभा का गणित भी बदल जाएगा। अब राज्यसभा में आप का दबदबा बढ़ जाएगा और वह पांचवें नंबर की पार्टी बन जाएगी। नए समीकरण के बाद अकाली दल का उच्च सदन से सूपड़ा साफ हो जाएगा।
वहीं बसपा भी एक सीट तक सिमट कर रह जाएगी। फिलहाल राज्यसभा में वाईएसआर के 6 सांसद, सपा और आरजेडी के भी 5 ही सांसद हैं। पंजाब चुनाव में मिली बंपर जीत का AAP को कैसे फायदा होगा, आइए आपको इसका मैथ्स समझाते हैं। राज्यसभा में पंजाब से आने वाले 5 सांसदों का कार्यकाल 9 अप्रैल और दो सांसदों का कार्यकाल 4 जुलाई को खत्म हो रहा है। इनमें तीन सांसद कांग्रेस, तीन सांसद अकाली दल और एक भाजपा का है।
31 मार्च को राज्यसभा की पांच सीटों के लिए चुनाव होना है। पंजाब में AAP की सरकार होने से उसके पास पांच में से चार सीटें आएंगी। जबकि कांग्रेस के पास एक सीट रहेगी। हालांकि अकाली दल को एक भी सीट नहीं मिलेगी। चार जुलाई को दो सीट खाली होंगी, किंतु वो दोनों ही सीटें AAP के खाते में चली जाएंगी।
AAP की फिलहाल सीटों की संख्या राज्यसभा में तीन है, जिसकी वजह दिल्ली में आप की सरकार होना है। किंतु अब सीटों की संख्या 9 तक पहुंच जाएगी। पंजाब में सरकार बनने के कारण अब उसकी संख्या 6 और बढ़ जाएगी। यूं भी कह सकते हैं कि AAP के सांसदों की संख्या में तीन गुना इजाफा होगा। फिलहाल 97 सदस्यों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है। जबकि 34 सदस्यों के साथ कांग्रेस दूसरे पर है। तीसरे पर टीएमसी और चौथे पर डीएमके है। पांचवें नंबर पर बीजेडी है।
अभी तक भाजपा को झारखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब में सरकार नहीं होने के कारण भाजपा को जो नुकसान हो रहा था, उसकी भरपाई कुछ हद तक उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में चुनावी फतह से पूरी होगी। भाजपा को केवल दो ही सीटों का नुकसान होगा।