नई दिल्ली॥ फिल्म एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने शुक्रवार को महिला एवं बाल विकास विभाग के बिटिया उत्सव में चौंकाने वाला बयान देते हुए कहा कि बीते वर्ष साल हमने एक आतंक के आरोपित को संसद में भेजा है। उन्हें लोकतंत्र के मुताबिक, एक अच्छे खासे वोटों से जिताकर भेजा है। वो हमें एंटीनेशनलिस्ट नहीं लगता है। उन्होंने बताया कि हर मनुष्य भिन्न-भिन्न पहचान लेकर चलता है जो समय और संदर्भ के मुताबिक, बदलती है। मैं स्टेज पर बैठी हूं तो मेरी प्राथमिक पहचान एक बॉलीवुड सेलिब्रिटी की है। मैं जब देश के बाहर जाती हूं तो यही पहचान एक हिंदुस्तानी बन जाती है।
Usa जाते हैं और कुछ एशियन लोग मिलते हैं तो यही हमारी पहचान बन जाती है। आप देखिए वहां इण्डिया-पाकिस्तान लोग माइनॉरिटी में होते हैं तो वहां हमारी खूब बनती है। यदि मैं ऐसे सन्दर्भ में हूं जहां जाति का मुद्दा भड़का हुआ है तो मेरी जाति मेरी पहचान होगी और यह मुझे सुरक्षा भी देगी। राजधानी दिल्ली में हिंसा हो रहे हैं और यदि मैं दिल्ली जाती हूं तो मेरी सबसे हावी पहचान होगी कि मैं एक हिंदू हूं और चूंकि हिंदू हूं तो दिल्ली पुलिस मुझ पर उस हक और बर्बरता से लाठी नहीं मारेगी जैसे उसने मुसलमान पर चलाई है।
न कि सड़कों पर उतर कर भीड़ तंत्र बनकर या भीड़ की राजनीति कर नहीं। दूसरी बात है कि कोई भी ऐसी सोच जो नफरत और भय का प्रयोग कर रही है एक आइडेंटिटी बनाने के लिए उस पर शक करना चाहिए। चाहे वो ऐतिहासिक उदाहरण या अन्य चीजें बता रहे हों, नफरत सही नहीं हो सकती है। दया की भावना हमें इंसान बनाती है। जो भी विचारधारा आपके अंदर इस दयाभाव को मार रही है, वह सही नहीं हो सकती। साथ ही उन्होंने कहा कि आज ऐसा माहौल है कि प्रश्न उठाने पर देशद्रोही करार दे दिया जाता है।