Lucknow। अंतर्राष्ट्रीय आतंकी संगठनों और उनके स्थानीय मददगारों के खिलाफ यूपी एटीएस की कार्रवाई जारी है। इस क्रम में बुधवार को एटीएस ने अलकायदा के तीसरे संदिग्ध आतंकी शकील को बुद्धा पार्क के पास से गिरफ्तार किया है। शकील रविवार को गिरफ्तार किये गए आतंकवादी मिनहाज और मसीरुद्दीन का साथी है। उसने ही कानपुर से दोनों आतंकियों को पिस्टल उपलब्ध कराई थी। शकील की गिरफ्तारी के बाद वजीरगंज थाना क्षेत्र स्थित उसके मोहल्ले जनतानगर में हड़कंप मच गया है।

जानकारी के मुताबिक़ यूपी एटीएस की टीम को मुखबिर से सूचना मिली थी कि शकील बुद्धा पार्क के पास ई-रिक्शा से कहीं जाने वाला है। इस सुचना पर एटीएस टीम ने घेराबंदी करके सुबह करीब 9:30 बजे शकील को दबोच लिया। इसके बाद एटीएस के अधिकारियों ने शकील की गिरफ्तारी की सूचना फोन करके उसके परिवार को दी। शकील की गिरफ्तारी के बाद उसके मोहल्ले के लोग भौच्चक हैं।
सूत्रों के मुताबिक़ शकील को बिजनौर स्थित एटीएस के मुख्यालय ले जाया गया है, जहां पर उसका अलकायदा के दोनों आतंकियों मिनहाज और मसीरुद्दीन से आमना-सामना कराया जाएगा। यहां पर एटीएस के साथ ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, एनआईए, रॉ और आईबी के अधिकारी उससे पूछताछ करेंगे। शकील से काफी अहम जानकारियां मिल सकती हैं।
उल्लेखनीय है कि विगत दी दशकों में लखनऊ इस्लामी आतंकी संगठनों के स्लीपिंग माड्यूल्स का हब बन चूका है। इससे पहले भी यहां से कई आतंकी पकडे जा चुके हैं। मई 2005 में एसटीएफ ने लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य सादात रशीद और इरफान को गिरफ्तार किया था। इसी तरह दिसंबर 2006 में कैसरबाग से आईएसआई एजेंट अब्दुल शकूर, जून 2007 में हूजी का एरिया कमांडर बाबू भाई और उसका साथी नौशाद को सुरक्षा एजेंसियों ने धर दबोचा था।
इसी तरह जुलाई 2007 को आतंकी नूर इस्लाम की निशानदेही पर इंडस्ट्रियल एरिया से आरडीएक्स और डेटोनेटर बरामद हुए थे। नवंबर 2007 में एसटीएफ ने जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकियों को और वर्ष 2009 नवंबर में पुराने लखनऊ से पाकिस्तान के जासूस आमिर अलीलखनऊ से गिरफ्तार किया था। इसी तरह एटीएस ने मार्च 2017 में काकोरी में आईएसआईएस से जुड़े आतंकी सैफुल्ला को एनकाउंटर में मार गिराया था।
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