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ईरान से लगी मुस्लिम कंट्री अजरबैजान के प्रेसिडेंट इल्हाम अलीयेव ने कहा है कि यदि हिंदुस्तान और फ्रांस ने उसके पड़ोसी और दुश्मन मुल्क आर्मेनिया को हथियारों की पूर्ति की तो वो खामोश (शांति) से नहीं बैठा रहेगा। प्रेसिडेंट ने कहा कि यदि उन्हें महसूस हुआ कि खतरा बड़ा है तो वो उचित कार्रवाई करेंगे। अजरबैजान की ओर से यह बयान तब आया है, जब हिंदुस्तान और फ्रांस ने आर्मेनिया को हथियार मुहैया करवाने पर चर्चा की है।

अजरबैजान सरकार ने कहा, “जब फ्रांस, भारत और ग्रीस हमारे विरूद्ध आर्मेनिया को हथियार देंगे तो हम शांति से नहीं बैठ सकते।” दरअसल, काकेशस पर्वत माला की तलहटी में बसे इस छुटकू से मुल्क का पड़ोसी आर्मेनिया से संबंध कुछ ठीक नहीं हैं।  दोनों मुल्कों के बीच लंबे टाइम से विवाद होता रहा है।

हिंदुस्तान से क्यों रक्षा समझौता

ऐसे में आर्मेनिया ने लगभग चार सौ मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के हथियारों की डील रूस से की थी मगर यूक्रेन से युद्ध लड़ रहा रूस उस ऑर्डर को पूरा करने में नाकाम रहा। तत्पश्चात, आर्मेनिया ने हथियारों की स्पलाई के लिए नए दोस्त की तलाश शुरू की। उसकी खोज हिंदुस्तान पर आकर खत्म हुई। 

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