almora bus accident: अल्मोड़ा बस दुर्घटना में अपने मम्मी पापा दोनों को खोने वाली छोटी शिवानी की देखभाल की जिम्मेदारी धामी सरकार लेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अल्मोड़ा के मरचूला में हुई बस दुर्घटना ने सभी के दिलों को गहरा दुख पहुँचाया है।
मुख्यमंत्री धामी ने घोषणा की कि इस कठिन वक्त में उनकी सरकार ने दुर्घटना में अपने माता-पिता दोनों को खोने वाली छोटी शिवानी की देखभाल और शिक्षा की जिम्मेदारी लेने का संकल्प लिया है। इससे उसे जीवन में आगे बढ़ने और अपने और अपने माता-पिता के सपनों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
चीफ मिनिस्टर धामी ने इस दुखद घटना में अपने प्रियजनों को खोने वाले सभी लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, "एक लोक सेवक और एक परिवार के सदस्य के रूप में मैं इस दर्द को समझता हूँ। ऐसे प्रतिकूल समय में एकजुट रहना, प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करना और उनके जीवन में स्थिरता बहाल करने में मदद करना हमारा कर्तव्य है।"
हॉस्पिटल में कहानी एक दिल दहला देने वाला मोड़ लेती है, जहाँ चार वर्षीय बच्ची के "मम्मी" के लिए बार-बार रोने से हॉस्पिटल के कर्मचारी रो पड़ते हैं। मासूम बच्ची को यह बताने की हिम्मत किसी में नहीं थी कि जिसे वह पुकार रही है, वह कभी वापस नहीं आएगा। मरचूला हादसे ने उसके माता-पिता का आश्रय छीन लिया है। उसके नाना-नानी हरिकृष्ण नेगी और सुशीला देवी हॉस्पिटल पहुंच चुके हैं। बेटी और दामाद को खोने का गम खुद सहते हुए वे अपनी पोती की देखभाल में जुटे हैं। दादी बार-बार अपनी शॉल से आंसू पोंछती नजर आईं।
दोपहर करीब साढ़े तीन बजे बच्ची को रामनगर हॉस्पिटल से एयरलिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश पहुंचाया गया। शिवानी के पिता मनोज रावत रामनगर में बागवानी के फल संरक्षण विभाग में प्रशिक्षण पर्यवेक्षक के पद पर कार्यरत थे, जबकि मां चारू रावत गृहिणी थीं। रावत दंपती अपनी बेटी शिवानी के साथ रामनगर के ईदगाह रोड स्थित आस्थान में किराए के फ्लैट में रहते थे। हॉस्पिटल में बच्ची अपनी मां के बारे में पूछती रही, जबकि हॉस्पिटल स्टाफ उसे सांत्वना देने की पूरी कोशिश करता रहा। ये कहानी परिवारों पर अचानक हुए नुकसान के गहरे असर को दर्शाती है और ऐसे दुखद समय में समुदाय और सरकारी सहयोग के महत्व को उजागर करती है।
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