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अफगानिस्तान में तालिबान ने कब्जा तो कर लिया है, लेकिन उसके सामने आर्थिक चुनौतियों का पहाड़ जस का तस खड़ा है। यही कारण है कि अलग अलग तरीकों से अब तालिबान खुद की जेब भरने लगा है, क्योंकि तमाम अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों अमेरिका की कार्रवाई के बाद उसे पैसे के लिए मोहताज होना पड़ा। वह लगातार यूएन से लेकर अमेरिका तक बैंक खातों को फिर से खोलने की गुजारिश करता रहता है, लेकिन अब तक उसकी सुनवाई नहीं हुई है।
यही वजह है कि अब तालिबान अपनी जेब भरने के लिए नए नए तरीके इजाद कर रहा है। तालिबान के मिनिस्ट्री ऑफ माइंस और पेट्रोलियम ने एक नया नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें वह बता रहा है कि वह बड़ी मात्रा में सोने के खनन को मंजूरी देने जा रहा है और इसके लिए वह लोगों से टेंडर की अपील कर रहा है।
उसका कहना है कि अगर आप अफगानिस्तान में सोने के खदानों के खनन में शामिल होना चाहते हैं तो आप हमारे टेंडर प्रक्रिया में शामिल हुए और फिर लॉटरी सिस्टम और बोली के माध्यम से आपको टेंडर दिया जाएगा। दरअसल यह सोने के खदान बनकर प्रांत में बताए जा रहे हैं और इसके लिए मिनिस्ट्री ऑफ माइंस और पेट्रोलियम ने टेंडर जारी कर दिया है। इस टेंडर में शामिल होने के लिए कंपनियों के सामने कई तरह के नियम कायदे रखे गए हैं। अगर वह कंपनियां नियम कायदों का पालन करेंगी तो वह इस प्रोजेक्ट में शामिल हो सकती हैं और अफगानिस्तान में बड़ी मात्रा में सोने का खनन कर सकती हैं। इसके जरिए तालिबान पैसों की कमाई करेगा।
दरअसल, अफगानिस्तान की भूमि खनीजों से भरी हुई है। अफगानिस्तान के खनन एवं पेट्रोलियम मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक उसके देश में एक ट्रिलियन डॉलर यानी कि 75.5500000 करोड़ रुपये के प्राकृतिक संसाधन हैं। 3.8 करोड़ की आबादी वाले इस देश में 2.22 लाख करोड़ किलोग्राम लौह अयस्क है।