अयोध्या, 10 अगस्त। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निजीकरण के विरोध में पावर कर्मचारियों ने 18 अगस्त को प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। निजीकरण का प्रस्ताव वापस न लेने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की सोमवार को हुई बैठक में प्रदेश सरकार द्वारा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के प्रस्ताव पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया गया। कर्मचारियों ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का प्रस्ताव वापस ना लिया गया तो प्रदेश के तमाम बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर व अभियन्ता प्रदेशव्यापी आन्दोलन करेंगे।
उल्लेखनीय है कि बिजली कर्मचारियों व अभियन्ताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति नेशनल को-ऑर्डिनेशन ने निर्णय लिया है कि केन्द्र व राज्य सरकारों की ऊर्जा क्षेत्र के निजीकरण की नीति के विरोध में 18 अगस्त को देश के तमाम 15 लाख बिजली कर्मचारी देश भर में विरोध प्रदर्शन कर अपना आक्रोश व्यक्त करेंगे।
नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी की मुख्य मांग इलेक्ट्रीसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 वापस लेना, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण का प्रस्ताव वापस लेना, केन्द्र शासित प्रदेशों एवं उड़ीसा के बिजली निजीकरण की प्रक्रिया निरस्त करना और कोल इण्डिया के कामगारों की निजीकरण को वापस लेना है। बैठक में डीसी दीक्षित, रविन्द्र गुप्ता, रोहित सिंह, मनोज गुप्ता, एके शुक्ला, पंकज तिवारी, अभय चैबे, एसपी सिंह, ऋषिकेश यादव, रघुवंश मिश्रा, श्रीकांत, लालचंद, प्रवीण त्रिपाठी, नरेश जैसवाल, हेमंत यादव आदि मौजूद थे।