Backward Classes : जानिए कितने मामलों की सुनवाई हुई पिछड़ा वर्ग आयोग में ?

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लखनऊः  उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा प्रदेश के पिछड़े वर्ग के दबे-कुचले एवं पीड़ित समुदाय को न्याय प्रदान करने के उद्देश्य से इन्दिरा भवन स्थित राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के कार्यालय में निरन्तर सुनवाई की जा रही है। इसी उद्देश्य की प्राप्ति हेतु गत दिवस राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष, जसवन्त सैनी द्वारा प्रदेश के विभिन्न जनपदों के पिछड़े वर्ग के लोगों कीई रक्षा एवं उत्पीड़न से सम्बन्धित 32 प्रकार के वादों की सुनवाई की गई एवं महत्वपूर्ण प्रकरणों पर कार्यवाही के निर्देश दिये गये।

 

नगर पालिका परिषद नवाबगंज बरेली की वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष, शाहिला ताहिर ने पिछड़ी जाति का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर पिछड़ों के लिए आरक्षित नगरपालिका अध्यक्ष की सीट से चुनाव लड़कर पिछड़ों के अधिकारों का हनन किया था !इस सम्बन्ध में 15 अक्टूबर 2019 को शिकायत प्राप्त हुयी थी।

प्रकरण पर जिलाधिकारी बरेली द्वारा कमेटी गठित की गयी और जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति के निर्णय के उपरान्त तहसीलदार नबावगंज बरेली द्वार शहला ताहिर के पक्ष में जारी उत्तर प्रदेश के पिछड़ी जाति के लिए जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया गया।

यह साक्ष्य आयोग के समक्ष सुनवाई के समय जिलाधिकारी बरेली के प्रतिनिधि द्वारा द्वारा प्रस्तुत किया गया। आयोग द्वारा कहा गया कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाने एवं बनवाने वाली नगर पालिका अध्यक्ष व सम्बन्धित अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्व एफ0आई0आर0 दर्ज कराने की कार्यवाही की जायेगी।

इसी प्रकार नीरज कुमार राजपूत बनाम प्रमुख सचिव आवास, उ0प्र0 शासन व उपाध्यक्ष लखनऊ विकास प्राधिकरण लखनऊ का प्रकरण जो प्लाट उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में था, कि सुनवाई की गयी। अध्यक्ष ने कहा कि प्रमुख सचिव आवास, उ0प्र0 शासन व उपाध्यक्ष लखनऊ विकास प्राधिकरण पिछड़े वर्गो की शिकायतों को गम्भीरता से लेते हुए त्वरित निस्तारित करें।

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