यदि आप भी दारू पीने के शौकीन हैं तो दिल्ली में इसे खरीदने के लिए आपको बहुत पापड़ बेलने पड़ सकते हैं। राजधानी में 17 नवंबर से नई आबकारी नीति लागू होने जा रही है। इसके बाद दारू की सभी खुदरा दुकानों का संचालन अब निजी हाथों में होगा।
केजरीवाल सरकार औपचारिक रूप से राजधानी में संचालित होने वाली दारू की लगभग 600 सरकारी खुदरा दुकानें आज रात्रि से बंद कर देगी। आशंका जताई जा रही है कि इसके बाद दिल्ली में दारू की कमी हो सकती है क्योंकि सभी निजी दुकानों का एक साथ खुलना संभव नहीं होना। लाइसेंस और अन्य प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है।
राजधानी में 32 जोन के लिए डीलरों को लाइसेंस दिया जा चुका है। अभी तक 300-350 दुकानों के लिए ही औपचारिकताएं पूरी हो सकती हैं। ऐसे में अधिकांश दुकानें कल से खुलने के आसार नहीं है।
अफसरों ने बताया कि ऐसा पहली बार होगा जब दिल्ली में दारू की सभी सरकारी दुकानें बंद होंगी और यह पूरा व्यापार निजी हाथों में चला जाएगा। केजरीवाल सरकार की नई आबकारी नीति के तहत निजी तौर पर चलने वाली 260 दुकानों समेत सभी 850 दारू की दुकानें खुली निविदा के जरिए प्राइवेट कंपनियों को दी गई हैं।
सूचना के अनुसार दिल्ली में निजी दारू की दुकानें 30 सितंबर को पहले ही बंद हो चुकी थीं, और जो भी सरकारी दुकानें डेढ़ महीने की ट्रांजिशन अवधि में काम कर रही थीं, वे भी आज रात्रि से अपना कारोबार खत्म कर देंगी।