बाराबंकी॥ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में मंगलवार को जेल में बन्द डॉन मुख्तार अंसारी (Don Mukhtar Ansari) की वीडियो क्रांफ्रेंस के जरिए सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राकेश ने पांच जुलाई तक डॉन की रिमांड बढ़ाने का आदेश दिया है, अगली सुनवाई उसी दिन होगी। न्यायशाला में सुनवाई के दौरान एंबुलेंस केस की विवेचना कर रहे अधिकारी मौजूद नहीं थे।
डॉन मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सिंह सुमन के अनुसार अदालत में सुनवाई के दौरान मुख्तार ने जेल में टेलीविजन लगवाये जाने की मांग की है। उत्तर प्रदेश मेडिकल बोर्ड ने निर्देश दिए थे कि जेल में रहते हुए भी उसकी रोज फिजियोथैरेपी की जाए किंतु बांदा जेल प्रशासन आज तक ऐसा नहीं करा रहा है। ऐसे में मुख्तार ने फिजियोथेरेपी की भी सुविधा मांगी है। साथ ही मुख्तार अंसारी ने इस मामले में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार पर उसके साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया।
ऐसे में अगर आप आदेश कर देंगे तो मुझे जेल में टीवी की सुविधा मिल जाएगी। सुनवाई के दौरान कोर्ट से इजाजत लेकर मुख्तार ने अपने वकील से भी बात की और पूछा कि जमानत क्यों नहीं हो रही है। जिसके जवाब में वकील ने जवाब दिया कि यह लो एविडेंस केस है। ऐसा राजनीतिक कारणों से हो रहा है।
इस मामले में बाराबंकी के एसपी यमुना प्रसाद ने कहा कि मुख्तार अंसारी को कोर्ट ने पांच जुलाई तक न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने का आदेश दिया है। साथ ही केस में बाकी फरार आरोपियों तलाश में पुलिस लगातार दबिश दे रही है।