नई दिल्ली॥ Big News मोदी सरकार के 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज में से महज 3 लाख करोड़ रुपए आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारण्टी स्कीम (Emergency Credit Line Guarantee Scheme (ECLGS) के माध्यम से मंजूर किए गए। IANS ने पुणे के व्यापारी प्रफुल्ल सारदा द्वारा दाखिल RTI के जवाब में मिली सूचना से ऐसा दावा किया है।
जिसके मुताबिक ऐपरूव हुई राशि में से कई प्रदेशों को अभी तक तकरीबन 1.20 लाख करोड़ रुपए कर्ज के रूप में दिए गए हैं। ये देश के तकरीबन 130 करोड़ हिंदुस्तानियों में प्रति नागरिक करीब आठ रुपए बैठते हैं, जिसे बाद में प्रदेशों सरकारों को लौटाना होगा। बता दें कि केंद्र की वर्तमान की केंद्र सरकार ने मई में कोविड-19 काल से निपटने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत बीस लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की थी।
RTI में पैकेज के सेक्टर और राज्यवार उधार लेने व सरकार के पास बची हुई मुद्रा के बारे में डिटेल्स मांगी थी। इसके अनुसार महाराष्ट्र ने ECLGS योजना के जरिये सबसे ज्यादा 14,364.30 करोड़ रुपए का उधार लिया।
तो वहीं पुणे के व्यापारी सारदा पूछते हैं कि पैकेज की घोषणा के 8 महीने उपरांत बचे हुए 17 लाख करोड़ रुपए कहां हैं? क्या ये हम हिंदुस्तानियों के लिए एक जुमला था? ECLGS को कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित हुए MSMEs और अन्य क्षेत्र के व्यवसायों को लॉकडाउन के दौरान मन्दी से उबरने में सहायता करने के लिए पेश किया गया था। MSME और मुद्रा ऋण के अलावा सरकार ने बिजनेस के लिए व्यक्तिगत कर्ज को भी कवर करने के लिए ECLGS योजन के दायरे का विस्तार किया था।