ग्राहकों को बड़ा झटका, SBI ने महंगी की ये सेवा

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नई दिल्ली॥ भारत के सबसे बैंक SBI ने देशभर में अपने सुरक्षित जमा लॉकर का किराया बढ़ा दिया है। नया किराया 31 मार्च, 2020 से लागू होगा। इस बढ़ोतरी के बाद SBI लॉकर का प्रतिवर्ष शुल्क कम से कम 500 रुपए तक बढ़ जाएगा। SBI के छोटे लॉकर किराए के चार्ज में 500 रुपए से लेकर 2,000 रुपए तक इजाफा किया गया है, जबकि अतिरिक्त लार्ज लॉकर का सालाना किराया 9 हजार से 12 हजार हो गया है।

SBI में लॉकर खोलने के नियम क्या है? आरबीआई के अनुसार, कोई भी किसी भी बैंक में बगैर खाते के भी लॉकर खोल सकता है, लेकिन लॉकर के किराए और चार्जेज के सिक्‍योरिटी डिपॉजिट का हवाला देते हुए बैंक बिना खाता लॉकर खोलने में आना-कानी करते हैं। यही नहीं कुछ बैंक आप पर बड़ी रकम के फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) के लिए भी दबाव बनाते हैं। इसलिए अच्छा होगा कि आप उसी SBI में लॉकर लें, जहां सेविंग्‍स अकाउंट है। एसबीआई का मीडियम साइज लॉकर अब 1,000 से 4,000 तक महंगा हो जाएगा, जबकि बड़े लॉकर का किराया 2,000 से 8,000 रुपए तक होगा।

ये नए रेट सिर्फ मेट्रो और शहरी क्षेत्रों में लागू होंगे और इसमें जीएसटी शामिल नहीं है। SBI ब्रांच छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में सस्ती लॉकर सेवाएं प्रदान करती हैं जहां कीमतें 1,500 रुपए से शुरू होती हैं और 9,000 तक जाती हैं। लॉकर को प्रयोग करने का तरीका क्या है? हर लॉकर की दो चाबी होती है। एक चाबी ग्राहक के पास होती है।

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दूसरी चाबी SBI के पास होती है। दोनों चाबियां लगने के बाद ही लॉकर खुलता है। इसका मतलब ये है कि ग्राहक जब भी लॉकर ऑपरेट करना चाहेगा, उसे इसकी जानकारी ब्रांच (बैंक) को देनी होगी। एक साथ दो चाबियों के प्रयोग के पीछे सुरक्षा सबसे बड़ी वजह है। अगर आपके लॉकर की चाबी किसी दूसरे के हाथ लग जाए तो वह इसे नहीं खोल पाएगा। वर्ष में आप कितनी बार लॉकर आपरेट करेंगे, इसकी भी सीमा तय है। ये सीमा बैंक के हिसाब से भिन्न है। ज्वाइंट नाम से लॉकर खोलना लाभदायक है। इससे जिन दो लोगों के नाम से लॉकर खुला है, उनमें से कोई एक इसे ऑपरेट कर सकता है।

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