Bihar News : भागलपुर के नवगछिया के कदवा व खैरपुर दियारा में पक्षियाें का राजा कहलाने वाले गरुड़ की संख्या लगातार बढ़ रही है। यहां पर गरुड़ का प्रजनन केंद्र है। अब नारायणपुर के अमरी बिशनपुर में भी इनके झुंड दिखाई दे रहे हैं। पर्यावरणविद अरविंद मिश्रा के अनुसार, अभी विश्व में करीब 1800 गरुड़ हैं। इनमें भागलपुर में अब बढ़कर 600 हो गए हैं और अब ये 200 से 300 के झुंड में दिखने लगे हैं।
भागलपुर के अलावा पूर्णिया, खगड़िया, मधेपुरा में गरुड़ पक्षी के लिए घोंसले बनाए गए हैं। इससे इनकी सुरक्षा व संख्या में गुणात्मक वृद्धि होगी। पिछले 12 सितंबर को यूएनडीपी (United Nation Development Program) ने देश के खास 20 जैव विविधता वाले क्षेत्रों में गरुड़ पक्षी प्रजनन क्षेत्र कदवा और जगतपुर झील को शामिल किया है। देश के 20 जैव विविधता वाले क्षेत्रों में गरुड़ प्रजनन क्षेत्र कदवा और जगतपुर भी शामिल हैं।
पहले सिर्फ असम-कंबोडिया में ही था प्रजनन केंद्र
अरविंद मिश्रा के अनुसार, दिसंबर 2021 में 600 से ज्यादा गरुड़ पक्षी मिले। दो साल पूर्व पुनामा प्रतापनगर में भी 70 गरुड़ पक्षी दिखे थे। कुछ दिन पहले कदवा के झरकहवा बांध के आसपास 15-20 गरुड़ पक्षी दिखे थे। पहले सिर्फ कंबोडिया और असम में इसका प्रजनन क्षेत्र था। 2006 के बाद यहां गरुड़ों की संख्या तेजी से बढ़ी है। अभी इसके 85 घोंसले हैं।
दुनिया का पहला पुनर्वास केंद्र केवल भागलपुर पर
वन विभाग ने शहर के सुंदरवन में 2014 में दुनिया का पहला गरुड़ पुनर्वास केंद्र खोला था। यहां अभी दो बड़े और एक छोटे गरुड़ पक्षी का इलाज चल रहा है। 9 सितंबर को 3 गरुड़ पक्षी को स्वस्थ होने पर दियारा में छोड़ा गया।
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