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नई दिल्ली॥ नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते और भाजपा नेता चंद्रकुमार बोस ने नागरिकता संशोधन कानून पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अगर इस कानून का धर्म से लेना-देना नहीं है, तो फिर इसमें मुस्लिमों को शामिल क्यों नहीं किया जा रहा है।

चंद्रकुमार बोस ने ट्वीट कर नागरिकता कानून पर सवाल उठाए। उन्होंने लिखा यदि नागरिकता संशोधन एक्ट का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है, तो फिर हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई, पारसी और जैन का नाम क्यों लिया जा रहा है। इसमें मुस्लिमों को क्यों नहीं शामिल कर लेते हैं? हमें पारदर्शी होने की जरूरत है।

नेताजी सुभाषचंद्र बोस के पोते और राज्‍य में बीजेपी के उपाध्‍यक्ष चंद्र कुमार बोस ने सीएए को लेकर सवाल उठाया है। BJP नेता ने लिखा कि यदि मुसलमानों को उनके देश में प्रताड़ित नहीं किया जाता है, तो वे यहां नहीं आएंगे। ऐसे में उन्हें शामिल करने में कोई दिक्कत नहीं है।

हालांकि, यह भी पूरी तरह से सच नहीं है। क्योंकि जो बलूच पाकिस्तान और अफगानिस्तान में रहते हैं, उनका क्या? और पाकिस्तान के अहमदिया मुस्लिमों का क्या? आपको बता दें कि चंद्रकुमार बोस का ये ट्वीट उस समय आया है, जब BJP ने बंगाल में नागरिकता कानून के समर्थन में रैलियों निकालनी शुरु की है। चंद्रकुमार बोस, बंगाल BJP के उपाध्यक्ष और राज्य में BJP का बड़ा चेहरा हैं।

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2021 में बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रही BJP नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी को लेकर लोगों के बीच जाने के लिए रैलियों का आयोजन कर रही है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी और कांग्रेस समेत सभी विपक्ष दल पहले ही नागरिकता संशोधन कानून को मुस्लिमों के खिलाफ बता रहे हैं। ऐसे में चंद्रकुमार बोस का यह बयान BJP के लिए संकट पैदा कर सकता है।

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