महराजगंज। स्वस्थ जीवन के लिए मासिक धर्म स्वच्छता जरूरी है। महिलाओं और किशोरियों को माहवारी के दौरान कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े इसलिए हर वर्ष 28 मई को विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। इस दिन महिलाओं और किशोरियों को झिझक छोड़ कर खुल कर अपनी बात रखने का मौका मिलता है। इसके लिए जनपद में तैनात कुल 13 किशोर स्वास्थ्य काउंसलर द्वारा अपने संबंधित कार्य क्षेत्रों में विभिन्न गतिविधियां जैसे कार्यशाला, बैठक व प्रतियोगिताएं वृहद स्तर पर कराई जाएंगी।
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के जनपदीय सलाहकार शिवेन्द्र प्रताप श्रीवास्तव ने बताया कि मासिक धर्म एक प्राकृतिक शारीरिक प्रक्रिया है। न की कोई बीमारी। मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को शारीरिक परेशानियां भी होती हैं। पेट में ऐंठन, दर्द जैसी समस्या से ज्यादातर महिलाएं परेशान रहतीं हैं।
मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता का अभाव रहने से संक्रमण का खतरा बना रहता है।इन सभी मुद्दों पर ज्यादा से ज्यादा जागरूकता लाने के लिए उक्त दिवस मनाया जाता है।उन्होंने कहा कि माहवारी नौ से 13 साल की किशोरियों के शरीर में होने वाली एक सामान्य हार्मोनल प्रक्रिया है। इसके फलस्वरूप शरीर में महत्वपूर्ण परिवर्तन होते हैं।
विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के मद्देनजर जिले में किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत विविध गतिविधियां आयोजित की जाएगी। जिले के छह ब्लाक ( लक्ष्मीपुर, परतावल, बहदुरी, निचलौल, सिसवा तथा नौतनवा) में तैनात पीयर एजुकेटर्स द्वारा मित्रता क्लब की बैठक करना है। इंफार्मेशन,एजुकेशन एंड कम्युनिकेशन(आईईसी) मैटेरियल( बैनर,पोस्टर, हैंडबिल) , परामर्श, वाद विवाद प्रतियोगिता, परिचर्चा, किशोर बैठक और कार्यशाला के माध्यम से महिलाओं और किशोरियों को मासिक धर्म स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जिले के सभी 13 साथिया केन्द्र पर विशेष सत्र का आयोजन करके किशोरियों को परामर्श प्रदान कर सैनेटरी नैपकिन्स का वितरण कराया जाएगा। छाया ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस( छाया वीएचएनडी) पर एएनएम द्वारा विशेष परिचर्चा सत्र आयोजित कर महिलाओं और किशोरियों को मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में जागरूक किया जाएगा। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम ( आरबीएसके) की टीम भी क्षेत्र भ्रमण के दौरान किशोरियों को जागरूक करेगी।
जनपदीय सलाहकार ने बताया कि जिले के उपरोक्त छह ब्लाकों में 1500 पीयर एजुकेटर्स तैनात हैं। इनमें 750 महिला तो 750 पुरुष पीयर एजुकेटर्स हैं।
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