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Up Kiran, Digital Desk: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसने ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था की हकीकत को उजागर कर दिया है। कांदुल गांव में एक युवक की जान एक ऐसे व्यक्ति की लापरवाही से चली गई जो खुद को डॉक्टर बताता था, लेकिन उसके पास कोई वैध मेडिकल डिग्री नहीं थी।
पाइल्स की बीमारी बनी मौत की वजह
मृतक सुभाष कुमार जनबंधु, जिनकी उम्र 40 साल थी, मूलतः मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के निवासी थे। वे कुछ समय से पाइल्स की समस्या से परेशान थे और इलाज के लिए कांदुल गांव के रेखराम साहू नामक एक कथित देसी डॉक्टर के पास जाते रहे। यह व्यक्ति अपने घर पर इलाज करता था और खुद को अनुभवी बताता था।
इलाज के नाम पर खतरनाक लापरवाही
परिजनों के अनुसार, एक दिन सुभाष जब इलाज कराने पहुंचे, तो रेखराम ने बिना किसी मेडिकल जांच के उनके प्राइवेट पार्ट में नौ इंजेक्शन एक साथ लगा दिए। इसके बाद उनके शरीर से खून बहने लगा और कुछ ही समय में हालात गंभीर हो गए। पेट फूलने लगा और संक्रमण तेजी से फैल गया। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
ग्रामीणों में आक्रोश, परिवार ने की सख्त कार्रवाई की मांग
घटना के बाद इलाके में गुस्सा फैल गया है। परिजनों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी और आरोपी झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे झोलाछाप लोग गांवों में लोगों की जिंदगी से खेल रहे हैं और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से ऐसे मामले बढ़ते जा रहे हैं।
पुलिस ने आरोपी को भेजा जेल
बालोद जिले की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मोनिका ठाकुर ने बताया कि परिजनों की शिकायत पर आरोपी रेखराम साहू के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की विस्तृत जांच कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि आरोपी पहले भी इस तरह के इलाज में लिप्त रहा है या नहीं।