
उत्तराखंड ।। Bulletproof जैकेट के बारे में आप तो आपने सुना ही होगा, यह जैकेट सेना के जवानों को सरकार द्वारा मुहैया कराई जाती है जिससे कि उनके जान की सुरक्षा हो सके तथा आधुनिक समाज में सैनिकों की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला यह सबसे महत्वपूर्ण भी बन चुका है।
Bulletproof जैकेट एक ऐसी जैकेट है जिसके आर-पार बंदूक की गोली नहीं जा सकती है तथा इस वजह से इसे पहनने के बाद आदमी के ऊपर बंदूक की गोली का भी कोई असर नहीं होता है तो आईये जानते हैं कि यह जैकेट कैसे तैयार की जाती है तथा क्यों इसपर गोली का असर नहीं होता है।
पढ़िए-पीएम मोदी के सामने भी नहीं रुके रणवीर सिंह, कर दी ऐसी हरकत!
Bulletproof जैकेट को बनाने के लिए सबसे पहले इसके लिए जरूरी कपड़ों का भी निर्माण किया जाता है तथा इसके लिए फाइबर या फिलामेंट का उत्पादन किया जाता है जो कि वजन में काफी हल्का लेकिन बहुत ही मजबूत होता है। Bulletproof जैकेट में इस्तेमाल किये जाने वाले सबसे प्रसिद्ध है पदार्थ का नाम केवलर है जो कि एक पैरा- रैमिड सिंथेटिक फाइबर होता है। केवलर एक तरल रासायनिक मिश्रण से एक ठोस धागा कताई द्वारा उत्पादित किया जाता है।
इसके अलावा उस जैकेट में एक और फाइबर डाईनीमा का भी इस्तेमाल किया जाता है जिसे पॉलीथिन बेस से बनाया जाता है। यह दोनों ही पदार्थ बहुत ही मजबूत होने के साथ-साथ काफी हल्के होते हैं।
Bulletproof जैकेट में दो परते होती हैं जिसमें सबसे ऊपरी परत को सेरैमिक तथा दूसरी परत को बैलिस्टिक परत कहा जाता है। इन दोनों परतों को ही मिला कर जैकेट तैयार की जाती है। जब कोई बंदूक की गोली Bulletproof जैकेट से टकराती है तो वह सबसे पहले वह ऊपर लगे सेरैमिक परत से टकराती है और उसके बाद गोली का आगे का नुकीला हिस्सा टूट जाता है और गोली छोटे-छोटे टुकड़ों में जैकेट पर फैल जाती है।
इस वजह से बंदूक की गोली का फोर्स भी और भेदन क्षमता कम हो जाती है। इसके बाद गोली से निकलने वाले ऊर्जा को बैलेस्टिक परत सोख लेती है तथा Bulletproof जैकेट पहने व्यक्ति को काफी कम नुकसान होता है। हालांकि गोली लगने से व्यक्ति को थोड़ा झटका लगता है।