1 जून से लॉकडाउन हटाने को लेकर सरकार से नाखुश हैं ये लोग, कहा- बाजारों को न खोले वरना॰॰॰

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केजरीवाल सरकार ने एक जून से लॉकडाउन हटाने का फैसला लिया है। अनलॉक के पहले चरण में केवल निर्माण और कारखानों को खोलने का ही निर्णय लिया गया है। केजरीवाल के इस निर्णय का दिल्ली के व्यापारियों ने विरोध किया है।

very important precautions in unlock lockdown

कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विपिन आहूजा ने शुक्रवार को एक साझा बयान जारी कर कहा कि निश्चित रूप से दिल्ली में कोरोना को और अधिक न बढ़ने देना केवल सरकार की ही नहीं बल्कि व्यापारियों की भी प्राथमिकता है लेकिन बाजारों को न खोले जाने का कोई औचित्य समझ में नहीं आ रहा।

उन्होंने कहा की जिन प्रवासी मजदूरों के लिए ये दोनों गतिविधियां खोली गई हैं उनसे कहीं ज्यादा मात्रा में व्यापारियों के यहां प्रवासी लोग काम करते हैं। दिल्ली के लगभग 15 लाख छोटे बड़े व्यापारी लगभग 35 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देते हैं। क्या व्यापारियों के यहां काम करने वाले कर्मचारी केजरीवाल के मापदंडो में नहीं आते।

उन्होंने यह भी कहा की जो फैक्ट्रियां माल बनाएंगी वो बेचेंगी कहां?

उनके द्वारा बनाये गए माल को व्यापारियों के माध्यम से ही बेचा जाता है वहीं दूसरी ओर निर्माण गतिविधियों और फैक्ट्रियों में उत्पादन के लिए बिल्डिंग मटेरियल, बिल्डर हार्डवेयर, मशीनरी, टूल्स, स्पेयर पार्ट्स आदि की लगातार आवश्यकता होती है जबकि इस प्रकार का सामान बेचने वाली सभी दुकाने सरकार के लॉक डाउन आदेश के कारण बंद रहेंगी। ऐसे में निर्माण गतिविधियों और फैक्ट्रियों को खोलने का मूल औचित्य ही पूरा नहीं होगा।

बता दें कि कैट ने 26 मई को उपराज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को दिल्ली के व्यापारी संगठनों से व्यापक बातचीत करने के बाद एक प्रस्ताव भेजा था जिसमें कोविड के सभी सुरक्षा उपायों के अनिवार्य उपयोग के साथ आगामी 31 मई अथवा 1 जून से दिल्ली में बाजार खोले जाने की मांग का थी।

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