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सुभाष विश्वकर्मा
लखनऊ।। पीएम मोदी किसानों की आय को दुगना करने की बात कर रहे हैं। किसानों की आय दुगनी होगी या नहीं ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में एक अधिकारी ने अपनी आय को दुगना करने का रास्ता खोज लिया है। ये अधिकारी हैं कृषि निदेशक सोराज सिंह। निदेशक सोराज सिंह की पोल तब खुली जब एक ऑडियो सोशल-मीडिया पर वायरल हुआ।
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मंत्री पर उठने लगे सवाल
इस ऑडियो के वायरल होने के बाद कृषि विभाग में हड़कंप मच गया गया है। ये ऑडियो तीन दिन पहले का बताया जा रहा है। वहीँ तीन दिन पहले वायरल हुए इस ऑडियो को लेकर कृषि मंत्री सूर्य पताप शाही से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पायी है। निदेशक सोराज सिंह कृषि मंत्री के विश्वासपात्र माने जाते हैं। इस मामले को लेकर मंत्री सूर्य प्रताप शाही पर भी सवाल उठने लगे हैं।
मुख्यमंत्री के यहाँ बैठा हूँ
वायरल ऑडियो में कृषि निदेशक का स्टेनो द्वारा कार्यालय के लैंडलाइन फोन 0522 220 58686 से दर्शन सिंह राजपूत जो संयुक्त कृषि निदेशक स्तर के अधिकारी हैं और वर्तमान में प्रधानाचार्य राजकीय कृषि विद्यालय बुलंदशहर में कार्यरत हैं, से उनके मोबाइल नंबर 899613904 पर बात करायी जाती है।
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बातचीत के दौरान कृषि निदेशक सोराज सिंह पहले तो खुद धमकी देते हैं फिर बात न मानने पर मुख्यमंत्री के यहाँ बैठा हूँ कहकर कहते हैं कि लो बात करो। पूरा मामला अपने खास अफसर शिशुपाल सिंह को चार्ज दिलाने का है, जबकि उक्त मामले में हाई कोर्ट से स्थगनादेश है।
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सूत्रों की मानें तो इस मामले में अपर कृषि निदेशक (प्रशासन) आरएस कौशल भी कृषि निदेशक के दबाव में काम कर रहे हैं। उनके द्वारा इस सम्बन्ध में एक आदेश भी कृषि निदेशक के दबाव में जारी किया गया। हालाँकि उस आदेश पर रमेश चंद्र नामक कर्मचारी ने कोर्ट से स्टे ले लिया।
मुख्य सचिव को अपना रिश्तेदार
निदेशक सोराज सिंह तत्कालीन बसपा सरकार में उस समय सुर्ख़ियों में आये थे जब वे संयुक्त निदेशक (उर्वरक) के पद पर तैनात थे। उस समय प्रदेश भर के किसान खाद की किल्ल्तों से जूझ रहा था। खाद की ब्लैक-मार्केटिंग को लेकर उस समय सोराज सिंह के खिलाफ चल रही आय से अधिक संपत्ति की जाँच को दबा दिया था।
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उस समय सोराज सिंह कैबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह के रिश्तेदार होने का दम भरते थे। अब इस समय सोराज सिंह मुख्य सचिव को अपना रिश्तेदार बताते हैं। यही नहीं कभी-कभी मुख्यमंत्री के नाम पर भी फोन कर कर जिले के अधिकारियों को अर्दब में ले लेते हैं ताकि उनके खिलाफ कोई मुंह न खोल सके।
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सूत्रों की मानें तो इस समय कृषि विभाग में लाइसेंस बनवाने से लेकर हर छोटे-बड़े कामों में कृषि निदेशक की शह पर बड़े पैमाने पर अवैध वसूली चल रही है। अपना नाम न बताने की शर्त पर विभाग के ही एक अधिकारी ने बताया कि इस समय विभाग में तबादलों का उद्योग चल रहा है। ये सब-कुछ कृषि निदेशक के इशारे पर हो रहा है।
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इस मामले में जब कृषि निदेशक सोराज सिंह से बात करनी चाही तो वह बात करने से पहले उठ कर चले गये। सोराज सिंह खुद को को जाटों का नेता भी बताया जाता है। सोराज सिंह क्षेत्र के नेताओं को अपने ऑफिस में बैठा कर जिले के अधिकारियों को फोन करके यह कहते हैं कि, “यह मुख्यमंत्री के खास हैं इनसे बात करो।” निदेशक के इन कृत्यों से कृषि विभाग के अधिकारीयों और कर्मचारियों में खासा आक्रोश है।
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