EXCLUSIVE: अभिलेखों में हेराफेरी के बाद वन निगम के इस DSM पर लटकी एक और फर्जीवाड़े की तलवार

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लखनऊ।। वन निगम के दविंदर के प्रकरण में शिकायतकर्ता राजेश कुमार ने एक और

खुलासा करते हुए विभाग में सनसनी फैला दी है।गौरतलब है कि इससे पूर्व राजेश कुमार

ने वन निगम के बहराईच जनपद में DSM के पद पर कार्यरत दविंदर सिंह पर सर्विस

रिकार्ड में हेराफेरी का गंभीर आरोप लगाकर एक शिकायत वन निगम से लेकर शासन

तक कर दी।

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इस मामले की गंभीरता और साक्ष्यों को देखते प्रबंध निदेशक वन निगम ने एक जीएम

स्तर के अधिकारी को इस मामले की जाँच सौंप दी है।

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अभी एक शिकायत को लेकर निगम में जहाँ एक ओर अफरा तफरी का माहौल था

वहीँ शिकायतकर्ता राजेश कुमार ने DSM बहराईच दविंदर सिंह के एक और फर्जीवाड़े

का खुलासा करके एक बार फिर वन निगम में हलचल पैदा कर दी है। नई शिकायत में

मामला दविंदर सिंह के मुरादाबाद की तैनाती के दौरान किये गए फर्जीवाड़े से सम्बंधित

है जिसमें शिकायतकर्ता राजेश कुमार ने शिकायतीपत्र के साथ वाकायदा साक्ष्य भी

संलग्न किये हैं।

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शिकायतकर्ता का दावा है कि इस मामले की निष्पक्ष जाँच होने पर निगम के कई

अधिकारियों के साथ-साथ दविंदर सिंह पर गबन का आरोप साबित हो जायेगा।

शिकायत में कोटेशन को लेकर खुलासा किया गया है कि किस तरह से दविंदर

सिंह द्वारा घोटाला किया गया।

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शिकायत के मुताबिक दविंदर सिंह की मुरादाबाद तैनाती के दौरान 28 जून को

निगम के कर्मचारी सोमपाल को नजीबाबाद से दिल्ली भेजा जाता है। सोमपाल

दिल्ली जाकर 28 जून को ही तीन अलग फर्मों के कोटेशन इकट्ठा करता है। फिर

तीनों कोटेशन लेकर वो 28 जून को वापस नजीबाबाद पहुँचता है और 28 जून को

ही कार्यालय में कोटेशन प्रस्तुत कर देता है। उसके बाद 28 जून को ही DLM दविंदर

सिंह उस कोटेशन पर कार्यवाई करते हुए वित्तीय स्वीकृति के लिए RM मेरठ क्षेत्र

को भेज देते हैं।

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इसमें चौंकाने वाली बात ये है कि निगम के जिस कर्मचारी सोमपाल को 28 जून को

दिल्ली भेजा गया था असल में वो दिल्ली गया ही नहीं था। शासकीय अभिलेखों जो

सुचना अधिकार अधिनियम 2005 के माध्यम से प्राप्त हुए हैं उसके अनुसार उक्त

कर्मचारी सोमपाल सिंह तो 27 जून की रात में नजीबाबाद से लखनऊ हेड ऑफिस के

लिए चलकर अगले दिन यानि 28 जून को लखनऊ वन निगम मुख्यालय शासकीय

कार्य से आया और 28 जून की रात में लखनऊ से चलकर वापस नजीबाबाद 29 जून

को पहुंचा। इस मामले जब आरोपी दविंदर सिंह से बात की गयी तो उन्होंने बताया

कि ये मामला उनकी पूर्व तैनाती से सम्बंधित है। उन्हें अभी कुछ यद् नहीं है। वो

रिकॉर्ड देखकर ही बता पाएंगे।

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अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब उक्त कर्मचारी 28 जून को लखनऊ वन निगम

मुख्यालय पर उपस्थित था तो ऐसे में वो 28 जून को नजीबाबाद से दिल्ली कैसे जा

सकता है। दविंदर सिंह इस समय बहराईच में DSM के पद पर कार्यरत हैं जहाँ उनके

ऊपर रिकॉर्डों में हेराफेरी को लेकर जाँच प्रचलित है वहीँ इस नए खुलासे ने DSM

दविंदर सिंह की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

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