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भारत में कोरोना वायरस के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं. आपको बता दें कि भारत में कोरोना वायरस के 10 हजार से ज्‍यादा मामले हो गए हैं। कुछ जगह मामले सामने आने की फ्रीक्‍वेंसी घटी है। वहीं कुछ ऐसा कहा जाने लगा है कि शायद हम कोरोना को काबू करने की दिशा में बढ़ रहे हैं।

हालांकि, वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गनाइजेशन के नेतृत्‍व में Covid-19 पर ट्रायल करने वाली स्‍टीयरिंग कमेटी के एक्‍जीक्‍यूटिव ग्रुप के सदस्‍य के. श्रीनाथ रेड्डी की राय इससे अलग है। वह PHFI के प्रमुख हैं। उन्‍होंने ये जरूर कहा कि हमने कोरोना वायरस कर्व को ऊपर जाने के रेट में जरूर कमी लाई है।

मगर उनका कहना है कि वायरस से इन्‍फेक्‍ट होने, क्लिनिक तक पहुंचने और डायग्‍नोसिस में देरी के चलते, अप्रैल के आखिरी दिनों में इस वायरस के मामले सबसे ज्‍यादा होंगे। वहीं रेड्डी के मुताबिक, कोरोना वायरस से प्रभावित हर देश ने कम्‍युनिटी ट्रांसमिशन का दौर देखा है। हम इसके प्रभाव को कम से कम करने की कोशिश कर सकते हैं और करनी चाहिए।

वहीं रेड्डी के मुताबिक अभी हालात कम्‍युनिटी ट्रांसमिशन वाले हैं या नहीं, ये मल्‍टीपल डेटा सोर्सेज से मिली इन्‍फॉर्मेशन के एनालिसिस के बाद ही तय हो सकता है। हेल्‍थ मिनिस्‍ट्री ये सब जानकारी जुटाकर एनालिसिस कर रही है।

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