नई दिल्ली। बिहार समेत पूरे देश में छठ पर्व (Chhath Puja) पूरे धूमधाम से मनाया जा रहा है। ये पर्व चार दिनों तक चलता है। इस पर्व ने श्रद्धालु पूरे 36 घंटे का निर्जला व्रत रखते हैं। इस दौरान छठी मइया और सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाता है। मान्यता है कि छठ पर्व पर व्रत रखने और पूजा करने से छठी मइया भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण करती है।
छठ महापर्व (Chhath Puja) के तीसरे दिन व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को नमन कर प्रथम अर्घ्य दिया। इस व्रत में डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का समय शाम में 4:30 से 5:26 बजे के बीच का था। वहीं कल उदयगामी सूर्य को अर्घ्य देने का समय सुबह 6:34 बजे से है। इसके बाद छठ महापर्व का समापन हो जायेगा।श्रद्धालुओं ने सूर्य को अर्घ्य देने के साथ भगवान से परिवार की सुख-समृद्धि की प्रार्थना की।
बुधवार को तीसरे दिन व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया
गुरुवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ व्रत संपन्न हो जाएगा। बता दें कि मंगलवार को खरना की रस्म पूरी करने के साथ ही महिलाओं का निर्जला व्रत शुरू हो गया था। बुधवार को तीसरे दिन व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया। छठ पर्व (Chhath Puja) पर दोपहर से ही घाटों पर भीड़ लगनी शुरू हो गयी थी।बता दें कि छठ पर्व पर शाम के समय दिया जाने वाला अर्घ्य गंगा जल से दिया जाता है जबकि उदयगामी सूर्य को कच्चे दूध से अर्घ्य देना चाहिए।
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