
नई दिल्ली ।। देश की अदालतों में जजों की कमी के कारण लाखों मामलों की सुनवाई पेंडिंग है, लेकिन अब जब सुप्रीम कोर्ट में चार जजों की नियुक्ति हुई है तो इसपर कई सवाल खड़े हुए हैं।
दरअसल CJI रंजन गोगोई ने शुक्रवार को कहा कि महज 48 घंटे में चार जजों की नियुक्ति के फैसले ने उन्हें चौंका दिया है और वे काफी हैरान हैं। बता दें कि CJI पत्रकारों से बात करते हुए बोल रहे थे। बता दें कि न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी, न्यायमूर्ति मुकेश कुमार रसिकभाई शाह व न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने पद की शपथ दिलाई।
सुप्रीम कोर्ट में अब इन चार न्यायाधीशों के शपथ लेने के साथ ही कुल जजों की संख्या 28 हो गई है। इस तरह सर्वोच्च न्यायालय में 31 न्यायाधीशों की स्वीकृत कुल संख्या में अब केवल तीन न्यायाधीशों की ही कमी है।
एक सवाल के जवाब में सीजेआई ने कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग 14 बेंच मामलों की सुनवाई करेंगी। मौजूदा समय में 3 जजों वाले पांच कोर्ट चलते हैं। बता दें कि पत्रकारों ने सीजेआई से पूछा कि क्या इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि महज 48 घंटों के भीतर ही जजों की नियुक्ति हो गई हो, तो इसपर सीजेआई ने कहा कि इसका जवाब तो कानून मंत्रालय ही दे सकता है।
उन्होंने कहा कि हमने तो बुधवार को सिफारिश भेजी थी और शाम को पता चला कि जजों के मेडिकल टेस्ट हो गए हैं। सीजेआई ने कहा कि जब हमें बताया गया तो आप लोगों की तरह ही मैं भी हैरान रह गया।
आपको बता दें कि सीजेआई ने एक सावल के जवाब में कहा कि सुप्रीम कोर्ट में एक थिंक टैंक बनाने की कोशिश की जा रही है जो कि कुछ जजमेंट को हिन्दी और बाकी भारतीय भाषाओं में भी ट्रांसलेट कर आम लोगों के बीच पहुंचा सके। ताकि हर कोई अहम फैसलों से अवगत हो सकेंगे।
उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि कैसे बड़े फैसलों को छोटा करके आम नागरिकों तक पहुंचाया जा सके, इसपर काम किया जा रहा है। बता दें कि एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि पीआइएल दाखिल करने से किसी को भी नहीं रोका जा सकता है। क्योंकि इसके लिए पहले से ही नॉर्म्स बने हुए हैं।