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नई दिल्ली। शनिवार को राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। दरअसल, आज उच्च सदन में कार्यवाही धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा से शुरू नहीं हुई। राजयसभा के सभापति ने जयंत चौधरी के आग्रह पर उन्हें दो शब्द रखने का मौका दिया। सभापति द्वारा उन्हें बोलने का मौका दिए जाने के बाद कांग्रेसी सांसद बवाल करने लगे। इस दौरान जयराम रमेश ने उनपर टिप्पणी की। सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने सभापति पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि आखिर किस नियम के तहत जयंत चौधरी को बोलने का मौका दिया गया? इस पर केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला बिफर पड़े। उन्होंने सदन में चीख-चीखकर कांग्रेस पर आरोपों की बौछार कर दी।

उल्लेखनीय है कि राज्यसभा सदस्य जयंत चौधरी  अब तक विपक्षी खेमे में बैठा करते थे, लेकिन आज वो सत्ता पक्ष की तरफ बैठे। जब जयंत सभापति की अनुमति से बोलने उठे तो जयराम रमेश ने उन पर टिप्पणी कर दी और कांग्रेसी सदस्य हंगामा करने लगे। हंगामे के चलते जयंत चौधरी अपनी बात पूरा किए बिना बैठ गए। तब सभापति ने सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे से अपने सांसदों को शांत करने की अपील की। इसके बाद खरगे ने सदन को संबोधित किया।

मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने संबोधन में सभापति पर ही सवाल उठा दिया। उन्होंने सभापति पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि आखिर किस नियम के तहत जयंत चौधरी को बोलने का मौका दिया गया? इस पर बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला बिफर पड़े और   खरगे पर आसन का अपमान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस चौधरी चरण सिंह और नरसिम्हा राव को भारत रत्न दिए जाने से बेचैन है, उसे यह रास नहीं आ रहा है। रूपाला ने सदन में चीख-चीखकर कांग्रेस पर आरोपों की बौछार कर दी।

इसके बाद सभापति धनखड़ ने भी बारी-बारी से मल्लिकार्जुन खरगे और जयराम रमेश को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि वो चौधरी चरण सिंह का अपमान किसी हाल में बर्दाश्त नहीं करेंगे। सभापति ने अकहा कि आपने चौधरी चरण सिंह का और उनकी विरासत का अपमान किया है। आपके मन में भारत रत्न चौधरी चरण सिंह के प्रति सम्मान नहीं है। आज के दिन हर किसान के दिल पर आप चोट कर रहे हो। हमने इसरो के वैज्ञानिकों का सम्मान किया, खिलाड़ियों का सम्मान किया। हमने उन सबका सम्मान किया जिन्हों देश का गौरव बढ़ाया। अब मेरी दुर्दशा देखिए, विपक्ष के नेता मुझसे नियम पूछ रहे हैं। 

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