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Up Kiran, Digital Desk: धनतेरस आते ही बाजारों में गाड़ियों की बिक्री अचानक तेज हो जाती है। हर साल इस दिन लोग नई गाड़ी खरीदने को शुभ मानते हैं। लेकिन सवाल ये है कि आखिर क्या वजह है इस खास दिन को चुनने की? दरअसल, धनतेरस को समृद्धि, खुशहाली और नए आरंभ का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में नई कार या बाइक खरीदना सिर्फ एक सौदा नहीं, बल्कि शुभ संकेत भी माना जाता है।
वाहन: आज की जरूरत या स्टेटस सिंबल
आज के दौर में वाहन सिर्फ सफर का ज़रिया नहीं, बल्कि एक अहम जरूरत और समाज में प्रतिष्ठा का प्रतीक भी बन चुका है। बाइक हो या कार, इसके बिना जीवन अधूरा लगता है। जहां पहले लोग पैदल लंबा सफर तय करते थे, वहीं अब गाड़ियां समय और दूरी दोनों को छोटा कर देती हैं। खास बात यह है कि 'वाहन' शब्द संस्कृत के ‘वहन’ से बना है, जिसका सीधा मतलब है 'साथ ले जाने वाला' और यही इसका असली मकसद भी है।
वाहन खरीदते ही क्यों करते हैं पूजा
भारत में कुछ भी नया शुरू करने से पहले पूजा-पाठ का चलन है। चाहे नया घर हो, दुकान या फिर गाड़ी, बिना पूजा उपयोग शुरू करना अच्छा नहीं माना जाता। वाहन की पूजा करके नकारात्मक शक्तियों को दूर किया जाता है और सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित किया जाता है। खासकर गणेशजी की पूजा को जरूरी माना जाता है ताकि कोई विघ्न न आए और हर यात्रा मंगलमयी रहे।
आसान तरीके से करें नई गाड़ी की पूजा, जानिए स्टेप बाय स्टेप
सबसे पहले गाड़ी पर आम या अशोक के पत्तों से जल छिड़कें। सिंदूर और घी मिलाकर अनामिका उंगली से गाड़ी पर स्वास्तिक बनाएं। वाहन को फूलों की माला से सजाएं और बैक मिरर पर कलावा या मौली बांधें।
कपूर जलाकर आरती करें और कलश के जल से वाहन के चारों ओर छिड़काव करें। अंत में, कपूर की राख से टीका करें ताकि बुरी नजर से बचाव हो सके।
एक नारियल को गाड़ी के चारों ओर सात बार घुमाकर सामने फोड़ दें ये सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है।
कैसे बचाएं अपनी गाड़ी को नेगेटिव एनर्जी से
कई लोग गाड़ी के आगे एक-एक नींबू रखते हैं ताकि गाड़ी चलने पर वो फूट जाएं और बुरी शक्तियों का असर न हो। इसके अलावा, वाहन में पीले धागे, कौड़ी या लॉकेट बांधना भी सौभाग्य और सुरक्षा के लिए शुभ माना जाता है। पूजा के बाद मंदिर जाकर भगवान को धन्यवाद देना भी जरूरी माना जाता है।
सिर्फ परंपरा नहीं, सुरक्षित सफर की गारंटी भी है वाहन पूजन
कई लोग इसे अंधविश्वास मान सकते हैं, लेकिन गहराई से सोचें तो वाहन पूजा एक तरह से यात्री की सुरक्षा, वाहन की लंबी उम्र और मानसिक संतोष की प्रक्रिया है। जब श्रद्धा और विश्वास से पूजा की जाती है, तो मन में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है जो हर सफर को बेहतर बनाता है।