उत्तराखंड में सीटों को लेकर विवाद, कांग्रेस को नुकसान से बचाने के लिए राहुल गांधी लेंगे निर्णय

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कांग्रेस ने अभी तक उत्तराखंड की विधानसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों के नामों का चुनाव नहीं किया है। टिकट शेयरिंग में देरी की सबसे बड़ी वजह राज्य में कांग्रेस लीडरों के बीच गुटबाजी है। जिसके चलते पार्टी प्रत्याशियों के नाम पर निर्णय नहीं कर पा रही है. वहीं दूसरी तरफ राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह अपने अपनों को ज्यादा से ज्यादा टिकट दिलाना चाहते हैं. ताकि वह देवभूमि में इलेक्शन के उपरांत की स्थिति में सीएम पद का दावा कर सकें।

वहीं चर्चा है कि अगर राज्य में टिकट शेयरिंग पर फैसला नहीं हो पाता है तो इसका फैसला कांग्रेस आलाकमान यानी राहुल गांधी खुद लेंगे. दरअसल पिछले चार दिनों से राजधानी दिल्ली में कांग्रेस की टिकट बंटवारे को लेकर बैठक चल रही हैं। किंतु अभी तक कई सीटों पर हामी नहीं भरी है।

बताया जा रहा है कि अगर एक गुट को टिकट दिया जाता है तो दूसरे गुट का नेता विरोधी हो सकता है। जिसकी हानि कांग्रेस को उठाना पड़ेगा और सत्ता में आने का उसका ख्वाब पूरा नहीं हो सकेगा। इसी लिए पार्टी दोनों ही गुटों की मंजूरी से प्रत्याशियों का चयन करना चाहती है।

वहीं कांग्रेस आला-कमान भी पार्टी में गुटबाजी को लेकर सख्त है। फिलहाल बताया जा रहा है कि आज CEC की बैठक में एक बार प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा की जाएगी और अगर मंजूरी नहीं बनी तो कांग्रेस आलाकमान प्रत्याशियों के नामों पर फैसला लेगा।

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