कोरोना : ‘आगामी त्योहारों के मौसम और सर्दी के महीनों के दौरान लोग रहें सजग’

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डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड-19 पर मंत्री समूह की 21वीं बैठक की अध्यक्षता की

नई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कोरोना पर उच्च स्तरीय मंत्री समूह की 21वीं बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, नागरिक विमानन मंत्री हरदीप एस. पुरी, जहाजरानी (स्वतंत्र प्रभार), रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख लाल मंडाविया, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे और नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. विनोद के. पॉल ने बैठक में वर्चुअल माध्यम से भाग लिया।
बैठक में डॉ. हर्षवर्धन ने पिछले कई महीनों से महामारी के खिलाफ दृढ़तापूर्वक लड़ रहे सभी कोरोना वॉरियर्स के प्रति आभार व्यक्त किया और उन्हें नमन किया। उन्होंने कहा कि 62,27,295 स्वस्थ मामलों के साथ भारत की विश्व में सबसे अधिक 86.78 प्रतिशत रिकवरी दर है। 1.53 प्रतिशत मृत्यु दर विश्व में न्यूनतम हैं। मामलों के दोगुना होने की दर तीन दिन हुआ करती थी, जिसे हमें 74.9 दिन करने में कामयाबी मिली है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य और मंत्री समूह के अध्यक्ष ने आगामी त्योहारों के मौसम और सर्दी के महीनों में कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन करने की जरूरत दोहराई और सभी से इसके पालन की अपील की। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री ने महामारी के प्रसार पर काबू पाने के लिए त्योहारों को मनाते समय कोविड अनुकूल व्यवहार को प्रोत्साहित करने और उसका पालन करने के लिए देशव्यापी जन-आंदोलन की शुरुआत की है।
राष्ट्रीय संचारी रोग नियंत्रण (एनसीडीसी) के निदेशक डॉ. सुजीत के. सिंह ने विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें बताया गया कि किस तरह डेटा के अनुसार श्रेणीकृत नीतियों ने महामारी पर महत्वपूर्ण नियंत्रण पाने में मदद दी है। उन्होंने मामलों की संख्या, मृत्यु की संख्या, उनकी वृद्धि दर के आंकड़े दिखाए और कहा कि नीतिगत हस्तक्षेप के कारण विश्व की तुलना में ये बेहतर हैं। भारत की कुल रिकवरी दर 86.78 प्रतिशत है, उन्होंने बताया कि दादर और नगर हवेली तथा दमन और दीव की रिकवरी दर 96.25 प्रतिशत भारत में  सबसे अधिक है और इसके बाद अंडमान निकोबार द्वीपसमूह की रिकवरी दर 93.98 प्रतिशत है और बिहार की यह दर 93.89 प्रतिशत है। केरल की रिकवरी दर सबसे कम 66.31 प्रतिशत है, क्योंकि हाल ही के दिनों में वहां बड़ी संख्या में मामले सामने आए हैं।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. विनोद के. पॉल ने विस्तृत प्रस्तुतिकरण के माध्यम से मंत्री समूह को भारत और विश्व में कोविड वैक्सीन के विकास की प्रक्रिया से अवगत कराया। उन्होंने जनसंख्या के प्राथमिकता वाले वर्ग पर व्यापक अध्ययन प्रस्तुत किया, जिन्हें सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल (सीडीसी), अमरीका और विश्व स्वास्थ्य संगठन की सिफारिशों के अनुसार वैक्सीन की प्रारंभिक खुराक मिलेगी। उन्होंने कोविड-19 से मृत्यु से संबंधित महिलाओं और पुरूषों के आयु समूह, भारतीय जनसंख्या में जरूरतमंद आयु समूह के प्रतिशत और इन आयु समूहों में कोविड-19 के साथ अन्य बीमारियों पर भी प्रस्तुतिकरण दिया।
वैक्सीन की नवीनतम भंडारण स्थिति, भंडारण सुविधा में तापमान, जीओ-टैग स्वास्थ्य केन्द्रों और फेसेलिटी स्तर के डैशबोर्ड की सुविधा बनाए रखने की ट्रैकिंग करने के लिए इ-वीआईएन नेटवर्क को सुधारा जा रहा है, ताकि कोविड वैक्सीन की डिलिवरी की जा सके। उन्होंने अवगत कराया कि अक्तूबर के अंत तक या नवंबर के शुरू तक स्वास्थ्य कर्मियों की सूची का काम पूरा हो जाएगा, जबकि अग्रिम पंक्ति के कर्मियों, डिजिटल प्लेटफॉर्म के रिकेलिब्रेशन, गैर-वैक्सीन आपूर्ति की लॉजिस्टिक्स, कोल्ड चेन की मजबूती के काम विस्तृत कार्यान्वयन योजना के अनुसार किए जा रहे हैं।
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