लखनऊ। पिछले वित्तीय वर्ष में सिद्धार्थनगर (Corruption In Siddharthanagar) के बर्डपुर ब्लाक के बीडीसी (क्षेत्र पंचायत सदस्य) राजकुमार चौधरी को नाना जी देशमुख पुरस्कार मिला था। यह पुरस्कार गांव के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान के लिए दिया जाता है। गांव का विकास हुआ या नहीं। पर बीडीसी चौधरी के विकास की गाड़ी चल पड़ी।
वित्तीय वर्ष 2020-21 में ही श्री चौधरी के निजी बैंक एकाउंट में बीडीओ नीरज जायसवाल ने 40 लाख रूपये कई टुकड़ों में डिपाजिट करने का उपक्रम किया। क्षेत्र पंचायत के विकास के लिए आयी धनराशि से यह भुगतान किया गया। यह बड़े सवाल खड़े करता है, क्योंकि नियमों के मुताबिक सरकारी काम का पैसा संबंधित फर्म या काम करने वाले मजदूरों को ही दिया जाता है। फिर यह धनराशि बीडीसी श्री चौधरी के बैंक एकाउंट में ट्रांसफर किन वजहों से की गयी। (Corruption In Siddharthanagar)
स्थानीय निवासियों का कहना है कि विकास के नाम पर भले ही लाखो रूपये की धनराशि खर्च की जा रही हो। पर विकास की फसलें सिर्फ कागजों में ही लहलहा रही हैं। जमीनी हकीकत इसके उलट है। यदि दस्तावेजों में दर्ज विकास कार्यों का सत्यापन करा लिया जाए तो विकास कार्यों के नाम पर मची लूट का पर्दाफाश हो सकता है। (Corruption In Siddharthanagar)
इस बाबत जब जिले के आला अफसरों से बात की गयी तो उन्होंने चुप्पी साध ली। सम्पर्क करने पर जवाब के नाम पर सन्नाटा पसरा है। यह तो सिर्फ बानगी भर है और जांच में सिर्फ एक ब्लाक के विकास कार्यों की हकीकत का सिजरा सामने आएगा। यदि जिले के अन्य ब्लाकों के विकास कार्यों की नियमों के मुताबिक पड़ताल करायी जाए तो करोड़ों के घपले उजागर होंगे। (Corruption In Siddharthanagar)
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