मोदी सरकार ने कोरोना टीके के प्रमाणपत्र में बड़ा फेरबदल किया है। सरकार ने कोविन प्रमाणपत्र से पीएम मोदी की फोटो हटा दी है। इससे पहले उनकी फोटो को प्रमुखता से जगह दी गई थी और लिखा गया था- 'साथ मिलकर, भारत कोरोना को हरा देगा।' एक तरह से सरकार ने सर्टिफिकेट का क्रेडिट पीएम मोदी को दिया था। कुछ लोगों का दावा है कि टीका निर्माण करने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा इंग्लैंड की कोर्ट में इसके साइड इफेक्ट्स की बात कबूल करने के बाद ये निर्णय़ लिया गया है।
कोविशील्ड टीके के दुष्प्रभाव के तौर पर थ्रोम्बोसिस अलावा थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) विवाद के बाद लोग कोविन ऐप पर अपने वैक्सीनेशन का स्टेटस देख रहे हैं। इस दौरान उन्हें वहां प्रधानमंत्री मोदी की फोटो नदारद मिली। लोगों का कहना है कि सर्टिफिकेट का क्रेडिट तो केंद्र की मोदी सरकार ने ले लिया। लेकिन जब वैक्सीन के साइड इफेक्ट के बारे में पता चला तो उन्होंने प्रमाणपत्र से नरेंद्र मोदी की फोटी हटा दी।
इस प्रकरण में स्वास्थ्य मंत्रालय का बयान चर्चा में है। मंत्रालय के अफसरों ने बीते दिनों एक मीडिया संस्थान को बताया कि वर्तमान लोकसभा इलेक्शनों को लेकर जारी आदर्श आचार संहिता लागू होने के चलते नरेंद्र मोदी की फोटो वैक्सीन सर्टिफिकेट से हटा दिया गया है। बता दें कि ये पहली मर्तबा नहीं है जब नरेंद्र मोदी की तस्वीर कोरोना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट से हटाई गई हो।
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