मेडिकल में पिता को तलाशती रही बेटी, मौत के बाद अज्ञात में कर दिया गया अंतिम संस्कार

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मेरठ॥ मेडिकल कॉलेज में एडमिट जिस कोरोना संक्रमित पिता को उनकी बेटी तलाश रही थी, उसकी भर्ती होने के दो दिन बाद ही मौत हो गई। इतना ही नहीं, बेटी को उसके पिता की बजाय उन्हीं के नाम वाले दूसरे मरीज की रिपोर्ट दी जाती रही। बेटी ने जब शिकायत की तो पता चला कि भर्ती वाले दिन ही संतोष की मौत हो गई थी और अज्ञात में उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया।

dead body corona

एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज में कोरोना मरीजों की लाश बदले जाने का मामला कोई नया नहीं है। इससे पहले भी दो कोरोना मरीजों की लाश बदलने के मामले सामने आ चुके हैं। नए मामले में गाजियाबाद से मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराए गए मरीज की मौत के बाद अज्ञात में उनका अंतिम संस्कार करने का सामने आया है। 21 अप्रैल को कोरोना संक्रमित बरेली निवासी संतोष कुमार को गाजियाबाद से लाकर मेडिकल कॉलेज के आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया।

संतोष की बेटी शिवांगी का आरोप है कि तीन मई तक मेडिकल के डॉक्टर उनके पिता के हालचाल की रिपोर्ट देते रहे। इसके बाद से उनके पिता का कोई अता-पता नहीं है। शनिवार को दिन भर शिवांगी मेडिकल में भटकती रही। जबकि संतोष कुमार की 23 अप्रैल को मौत हो गई थी। जबकि शिवांगी को वार्ड में भर्ती संतोष नाम के दूसरे मरीज की कुशल-क्षेम की रिपोर्ट दी जाती रही।

जब शिवांगी को इसका पता चला तो उसने मेडिकल प्रशासन से शिकायत की तो पता चला कि संतोष की मौत के बाद उनके शव का अज्ञात में अंतिम संस्कार कर दिया गया। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर ज्ञानेंद्र कुमार का कहना है कि 23 अप्रैल को मरीज की मौत हो गई थी। इस मामले में हुई चूक को लेकर जांच कमेटी का गठन किया गया है।

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