
नई दिल्ली ।। H-1B Visa Holder Indians, अगर आप भी H-1B वीजा (H-1B Visa) के जरिए अमेरिका (America) में नौकरी करने के बारे में सोच रहे हैं, तो सावधान हो जाइए। क्या पता आपको बाद में पछताना पड़े।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, H-1B वीजाधारकों को अक्सर खराब स्थितियों में काम कराया जाता है और इन लोगों के साथ शोषण की आशंका बनी रहती है। साउथ एशिया सेंटर ऑफ द अटलांटिक काउंसिल ने इस बारे में अपनी रिर्पोट दी है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन लोगों के पास H-1B वीजा है, उन्हें तुलना में कम सैलरी मिलती है।
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यह रिपोर्ट भारतीयों के लिए इसलिए और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि इस वीजा के धारकों में भारतीयों की संख्या सबसे ज्यादा है। एच-1B वीजा पर भारत से बड़ी संख्या में युवा हर साल अमेरिका जाते हैं।
दरअसल अमेरिका के साउथ एशिया सेंटर ऑफ द अटलांटिक काउंसिल की ओर से H-1B वीजा पर एक नई रिपोर्ट प्रकाशित की गई है। थिंक टैंक ने इस रिपोर्ट में तीन प्रमुख सुधारों का सुझाव भी दिया और कहा कि ये सभी नियोक्ताओं पर लागू होने चाहिए। इनमें H-1B वीजाधारकों का वेतन बढ़ाना और एक प्रभावी एवं उचित क्रियावली को लागू करने जैसे उपाय शामिल हैं।
इस रिपोर्ट को हॉवर्ड यूनिवर्सिटी की रॉन हिरा ने तैयार किया है। इसके अलावा साउथ एशिया सेंटर ऑफ द एटलांटिक काउंसिल के हेड भारत गोपालस्वामी ने भी उनकी मदद की है।
आपको बता दें कि रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में जो वीजा सिस्टम है, वह न सिर्फ अमेरिकियों को नुकसान पहुंचा रहा है बल्कि उससे H-1B वीजा धारकों का शोषण भी हो रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘H-1B वीजाधारकों को बहुत कम सैलरी मिलती है, शोषण का खतरा भी बढ़ जाता है और उन्हें बहुत ही खराब स्थितियों में काम करना पड़ता है।’ अगर सुरक्षा के नियमों को अपनाया जाए, तो वीजा धारकों के रहन-सहन के स्तर में सुधार आ सकता है। साथ ही साथ इससे अमेरिकी कर्मचारियों के हितों की भी रक्षा हो सकती है।
थिंक टैंक की ओर से जिन सुधारों की सलाह दी गई है उसमें तीन सुझाव सबसे अहम हैं। इन सुझावों में सबसे पहला सुधार वीजा धारकों की सैलरी बढ़ाया जाना शामिल है। इसमें कहा गया है कि अगर अमेरिका अच्छे और सबसे बुद्धिमान कर्मचारियों को आकर्षित करना चाहता है, तो उन्हें अच्छी सैलरी ऑफर की जानी चाहिए।
रिपोर्ट में दूसरी सलाह यह दी गई है कि इंप्लॉयर्स को हर बार इस बात का प्रदर्शन करना चाहिए कि उन्होंने अमेरिकी कर्मचारियों को सक्रियता से शामिल किया है। इसके अलावा योग्य लोगों को सही पोस्ट की पेशकश की गई है। जो तीसरा सुझाव रिपोर्ट में दिया गया है उसमें कहा गया है कि H-1B वीजा प्रोग्राम को एक प्रभावशाली और योग्य तंत्र की जरूरत है।