झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के प्रयासों से राज्य के आदिवासी छात्रों का विदेश में शिक्षा लेने का सपना अब पूरा होने के कगार पर है. राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी “मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना ” के तहत अनुसूचित जनजाति के छह छात्रों का चयन विदेश में पढ़ाई के लिए किया गया है. ये सभी इंग्लैंड और आयरलैंड की यूनिवर्सिटी में उच्च शिक्षा ग्रहण करेंगे. 23 सितंबर को रांची में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन व मंत्री चंपई सोरेन मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना से लाभान्वित छात्रों एवं उनके माता-पिता को सम्मानित करेंगे.
झारखंड सरकार “मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय स्कॉलरशिप स्कीम ” के तहत इंग्लैंड एवं आयरलैंड की यूनिवर्सिटी में उच्चस्तरीय शिक्षा (मास्टर डिग्री, एम फिल) के लिए ट्यूशन फीस सहित उनके रहने एवं अन्य खर्च वहन करेगी. इसके लिए प्रति वर्ष झारखंड के रहने वाले 10 अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों का चयन किया जाएगा. इस कड़ी में पहली बार 6 छात्रों का चयन स्कॉलरशिप के लिए किया गया है, जो सितंबर महीने में ही उच्च शिक्षा हासिल करने इंग्लैंड की 5 विभिन्न यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने जा रहे हैं.
28 दिसंबर 2020 को सरकार द्वारा कैबिनेट की बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गई थी. वहीं सरकार के एक वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 29 दिसंबर 2019 को रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा स्कॉलरशिप स्कीम का विधिवत उद्घाटन किया था. इसके बाद 7 मार्च को स्कॉलरशिप स्कीम के योग्य लाभुकों से आवेदन आमंत्रित किए गए थे. आवेदन प्राप्ति के बाद इस वर्ष 6 छात्रों का चयन किया गया है.