नई दिल्ली॥ इंडियन आर्मी अब विश्व युद्ध-2 विंटेज डिजाइन वाले (हथगोला) की जगह नए मॉर्डन ग्रेनेड का इस्तेमाल करेगी। रक्षा क्षेत्र में हिंदुस्तान सरकार की मेक इन इंडिया पहल को तथा प्रोत्साहन देते हुए रक्षा मंत्रालय ने इंडियन आर्मी को 409 करोड़ रुपए की लागत से 10 लाख मल्टी मोड्स (हथगोला की आपूर्ति के लिए मैसर्स इकोनॉमिक एक्सप्लोजिव लिमिटेड (ईईएल), (सोलर ग्रुप) नागपुर के साथ अनुबन्ध पर मुहर लगा दी हैं।
खबर के मुताबिक मल्टी-मोड (हथगोला) को डीआरडीओ अथवा टर्मिनल बैलिस्टिक रिसर्च लैबोरेटरीज (टीबीआरएल) द्वारा डिजाइन किया गया है। जिसका निर्माण मैसर्स ईईएल, नागपुर द्वारा किया जा रहा है। ये उत्कृष्ट डिजाइन वाले ग्रेनेड हैं, जिन्हें आक्रामक और रक्षात्मक दोनों तरह की लड़ाई में उपयोग किया जा सकता है।
आपको बता दें कि भारत को इन हथियारों का मिलना दुश्मन देश में बेचौनी साबित हो रही है। चीन जैसे देश इस वक्त नए नए मंसूबे तैयार करने में जुटे हुए हैं। मंत्रालय ने बताया कि ये डीआरडीओ रक्षा मंत्रालय के तत्वावधान में सार्वजनिक-निजी साझेदारी का प्रदर्शन करने वाली अग्रणी परियोजना है। अत्याधुनिक गोला बारूद प्रौद्योगिकियों में आत्म निर्भरता को सक्षम बनाती है और इसकी सामग्री 100 फीसदी स्वदेशी है।