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मध्य प्रदेश के इंदौर में रामनवमी के दिन बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में खौफनाक दुर्घटना हो गई। इस दुर्घटना में 36 लोगों की मौत हो गई। इस घटना के बाद बौखलाए प्रशासन ने इस मंदिर के कुएं को सामान से भर दिया। पास में बन रहे शिव मंदिर पर भी बुलडोजर चला दिया गया। नगर पालिका ने आज सुबह पांच बजे से अभियान शुरू किया। उससे पहले मंदिर में लगी देवी-देवताओं की मूर्तियों को हटाया गया।

इस मंदिर की हर मूर्ति का वजन लगभग 400 किलो था। उसके बाद निर्माणाधीन मंदिर में जेसीबी चलनी शुरू की गई। कुछ निवासियों और हिंदू संगठनों ने निर्माणाधीन मंदिर को तोड़ने का विरोध किया। मगर पुलिस और प्रशासन की भारी तैनाती के कारण विरोध ज्यादा देर तक नहीं चल सका। स्थानीय लोगों ने मंदिर तोड़े जाने का विरोध करते हुए कहा कि इसे जनता के चंदे से बनाया जा रहा है। मगर यह विरोध ज्यादा दिनों तक नहीं चल सका।

इस पूरे अभियान में नगर निगम, जिला व पुलिस प्रशासन ने संयुक्त रूप से भाग लिया. अपर नगर निगम आयुक्त सिद्धार्थ जैन ने बताया कि पूरे अभियान के लिए 250 से अधिक कर्मियों को तैनात किया गया था. 4 पोकलेन मशीन और 4 जेसीबी मशीनों की मदद से मंदिर को तोड़ा गया। इस दौरान 4 थानों के 200 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था।

झूलेलाल, शिव शंकर, माताजी, गणपति, मारुति और भेरुबाब की मूर्तियों को पहले मंदिर से विधिवत स्थानांतरित किया गया। उसके बाद निर्माणाधीन नए मंदिर और पुराने मंदिर को तोड़ा गया।

 

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