रायबरेली॥ जिले में स्वास्थ्य विभाग की बदहाल व्यवस्था का एक नज़ारा शुक्रवार को देखने को मिला जब घंटों फोन करने के बाद भी गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस नहीं आई। व्यवस्था से मजबूर गर्भवती मोटरसाइकिल पर ही पति के साथ चल दी, लेकिन बीच रास्ते ही सड़क किनारे नवजात को जन्म दिया।LP
अब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जांच की बात कर रहे हैं। खीरों क्षेत्र के शंकर बख्श खेड़ा मजरे सगुनी निवासी पूनम गौतम को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हुई। परिजन उसे लेकर खीरों अस्पताल पहुंचे लेकिन कोरोना के कारण अस्पताल सील होने पर उसे भर्ती नहीं किया जा सका।
पति रावेंद्र गौतम ने परेशान होकर जिला अस्पताल जाने के लिए एम्बुलेंस सेवा के बाबत 102 और 108 नंबर पर फोन किया लेकिन कई घंटे इंतजार करने के बाद भी एम्बुलेंस नही पहुंची। गर्भवती महिला असहनीय पीड़ा से परेशान थी, लिहाजा रावेंद्र ने 112 पर फोन कर मदद की मांग की। बावजूद इसके कोई नहीं पहुंचा।
थक हार कर रावेंद्र पत्नी को बाइक पर ही बैठाकर जिला अस्पताल के लिए चल दिया। कुछ ही दूर चलने पर लालपुर गांव के पास गर्भवती की पीड़ा और बढ़ गई। रावेंद्र ने रुककर ग्रामीणों से मदद मांगी। गांव की महिलाओं ने गर्भवती की मदद कर वहीं सड़क किनारे उसका प्रसव कराया। महिला और नवजात दोनों स्वस्थ हैं लेकिन व्यवस्था की बदहाली को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने जांच की बात कही है।