सोशल मीडिया वेबसाइट फेसबुक पर डाली जाने वाली पोस्टों के बारे में एफबी की पालिसी, जलते पर घी का काम करती है, चैनलों की सबसे बड़ी प्राथमिकता, देशों और लोगों के बीच शांति और सुलह फैलाना है किंतु सोशल मीडिया वेबसाइट एफबी इस विषय पर तनिक भी ध्यान नहीं देता, उसके इस व्यवहार के चलते नफरत बढ़ी है।
अंग्रेज सरकार ने पिछले दिनों FB पर मांगी गई डिटेल्स के विरूद्ध विद्रोह और व्यावसायिक नियमों का उल्लंघन करने का इल्जाम लगाते हुए पचास मिलियन पाउंड का जुर्माना लगा दिया, वर्तमान में अंग्रेजी सरकार के बहुत से अफसर और विशेषज्ञ, सोशल मीडिया और साइबर स्पेस पर गहरी नजर रखने पर बल दे रहे हैं।
लंदन के पूर्व सांस्कृतिक मंत्री एड वेज़ी ने इस बारे में ब्रिटिश मीडिया को बताया कि अगर सवाल यह है कि क्या सोशल मीडिया की निगरानी होनी चाहिए तो मैं इससे सहमत हूं, सही है कि लाखों लोगों का रोज़गार FB से जुड़ा हुआ है किंतु ये विषय निगरानी में रुकावट नहीं बनना चाहिए।
तो वहीं हाउगन ने रिजाइंनिंग लेटर देने से पहले FB और व्हट्सएप, इंस्टाग्राम, FB मैसेन्जर और टिक टॉक जैसे उसके अधीन एप्स से दसियों हज़ार कागजातों की कापी की थी, बताया कि इन चैनलों की कुछ विषय वस्तुएं विशेषकर युवतियों के लिए बहुत ही अधिक भयावह व खतरनाक हैं और FB के प्रबंधक अधिक फायदे के बावजूद, समाज के लोगों और नौजवानों को बचाने के लिए अपने अथाह लाभ से थोड़ा से खर्च करने को तैयार नहीं हैं और वह जान बूझकर एसी चीज़ो का प्रचार कर रहे हैं जो बच्चों और युवाओं के लिए बहुत ही भयानक है, इस विषय ने सालों से परिवारों को भी चिंतित कर रखा है।