तेज-तर्रार युवा पत्रकार अखिलेश कृष्ण मोहन नहीं रहे, कोरोना संक्रमित थे, SGPGI में चल रहा था इलाज

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लखनऊ। लखनऊ के तेज-तर्रार युवा पत्रकार अखिलेश कृष्ण मोहन नहीं रहे। कोरोना ने इस नौजवान का जीवन को असमय छीन लिया। वह SGPGI में भर्ती थे। वर्तमान में अखिलेश ‘फर्क इन्डिया’ पत्रिका और पोर्टल का संपादन और संचालन करते थे। इस स्वाभिमानी -आत्मनिर्भर युवा पत्रकार ने उसने दो बच्चों पत्नी सहित अपना भरा पूरा परिवार छोड़ा है। अखिलेश के परिवार के लिए यह असह्य दुख का पहाड़ है।

अखिलेश कृष्ण मोहन बस्ती जिले के परसांव ब्लॉक के कुदरहा गांव के मूल निवासी थे। 40 वर्षीय अखिलेश पार्वती देवी और राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित पूर्व अध्यापक रामगुलाम यादव के बड़े बेटे थे। वह अपने पीछे पत्नी रीता, बेटा अनुभव और बेटी अनुभवी को छोड़ गए हैं। अखिलेश ने झिनकू लाल इंटर कॉलेज बस्ती से इंटरमीडिएट और फैजाबाद के साकेत कालेज (राममनोहर लोहिया अवध विश्वविदयालय) से स्नातक एवं मास कम्युनिकेशन किया था।

पढ़ाई के दौरान ही अखिलेश कृष्ण मोहन का रुझान सामाजिक सेवा और पत्रकारिता के प्रति था। फैजाबाद में पढ़ाई के दौरान दूरदर्शन में एक महीने काम किया। उसके बाद दिल्ली की ओर रुख किया और सबसे पहले अमर भारती, फिर चेंनल one, यूपी न्यूज़, उसके बाद लखनऊ आ गए और दलित दस्तक, दैनिक भास्कर और फिर दुबारा चेंनल one जैसे बड़े संस्थानों में काम किया। लखनऊ में 4PM में भी कुछ महीने काम।

डिजिटल मीडिया के प्रारंभिक दिनों में 12 साल पहले पहले उन्होंने दैनिक दुनिया डॉट कॉम नाम से पोर्टल शुरू किया। इसके बाद उन्होंने फर्क इंडिया नाम से सामाजिक न्याय को प्रमुखता देने वाली एक मासिक पत्रिका की शुरुआत की। फर्क इंडिया ने प्रदेश ही नही बल्कि देश में अखिलेश कृष्ण मोहन को एक अलग पहचान दी।

युवा पत्रकार अखिलेश कृष्ण मोहन के निधन पर पत्रकारिता जगत में शोक की लहर व्याप्त है। राजनीतिक गलियारों में भी सन्नाटा है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ने सभी दिवंगत आत्माओं की शांति तथा संतप्त परिवारों को धैर्य धारण करने की शक्ति देने की प्रार्थना की है। इसी तरह प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी, मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड जनपद गोरखपुर के महासचिव अजय यादव, फिल्म बन्धु के पूर्व सदस्य विशाल कपूर के पिता प्रेम कपूर आदि ने अखिलेश कृष्ण मोहन के निधन पर गहरा शोक जताया है।

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