जीवन में सुख समृद्धि पाने के लिए रत्नों को धारण करने की सलाह दी जाती है। ऐसे में इस बात की जानकारी होनी बेहद ज़रूरी होता है कि कौस सा रत्न किसे धारण करना चाहिए। वहीं रत्न धारण करने से पहले कई अन्य महत्वपूर्ण बातों का भी जान लेना बेहद जरूरी है। रत्न का वजन कितना होना चाहिए, रत्न धारण करने का शुभ मुहूर्त और रत्न धारण करने के फायदे और नुकसान का भी पता होना चाहिए।
रत्न से होने वाले प्रभाव
1- ज्योतिषी बताते हैं कि रत्न केवल ‘शुक्ल पक्ष’ (चंद्रमा के उज्ज्वल आधे भाग में) में ही धारण करना शुभ होता है। आप कोई रत्न धारण करें। उसे सिर्फ चन्द्रमा के उज्ज्वल चंद्र चरण में ही पहना जाना चाहिए।
2- रत्न को सूर्योदय के एक या दो घंटे बाद ही धारण कर लेना चाहिए। रत्न धारण करने का उपयुक्त समय प्रातः 6 से 8 तक है। अगर दिन में रत्न पह्हना है तो ज्योतिषी से सलाह लेनी चाहिए।
3- रत्न को वजन के हिसाब से धारण करना चाहिए। रत्न के वजन को आप इस तरह नाप सकते हैं। जैसे कि अपने शरीर के वजन को 12 से विभाजित करें और जो भी संख्या आए, ‘रति’ में रत्न का वजन कम से कम उतना ही होना चाहिए। उदाहरण के लिए, अगर आपका वर्तमान वजन 60 किग्रा है, तो इसे 12 से विभाजित करने पर 5 आता है। ऐसे मे आपको कम से कम 5 ‘रति’ के वजन का रत्न पहनना चाहिए।
4- ज्योतिषी बताते हैं कि रत्न उन्हीं लोगों को पहननाचाहिए, जिनके जीवन में कोई समस्या चल रही हो। अगर समस्या छोटी है या प्रयास की कमी है तो व्यक्ति को कड़ी मेहनत करनी चाहिए और समस्या को हल करना चाहिए।
5- अंगूठी मर रत्न जड़वाते समय ध्यान रखना चाहिए कि वह त्वचा को छू सके। अंगूठी न तो ज्यादा टाइट होना चाहिए और न ही ज्यादा ढीली। रत्न जड़ित अंगूठी को एक बार पहनने के बाद बिना किसी कारण के उंगली से बाहर नहीं निकालना चाहिए।
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