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अंग्रेजों के बनाए तीन मूलभूत कानूनों को खत्म करके तीन नए कानून लाने का सरकार द्वारा प्रस्ताव रखा गया। इन तीन प्रस्तावित कानूनों का उद्देश्य किसी को दंड देना नहीं बल्कि सबको न्याय देना है। 

तीनों विधेयकों के कानून बनते ही तीन साल तक की सजा वाले मामले समरी ट्रायल के जरिये सुने जाएंगे और गृह मंत्री अमित शाह ने 11 अगस्त 2023 को लोकसभा में 163 साल पुराने तीन कानूनों में बदलाव के लिए बिल पेश किया। इसमें राजद्रोह कानून खत्म करना भी शामिल है।

सरकार की तरफ से कहा गया कि तीन नए कानून से सेशन कोर्ट में 40 % तक मुकदमे कम हो जाएंगे। गृह मंत्री ने कहा कि इन कानूनों को लागू करने का मेन मकसद न्याय प्रक्रिया को तेज करना है।

आईपीसी 1860 की जगह अब भारतीय न्याय संहिता 2023 होगी। सीआरपीसी 1898 की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 होगी और इंडियन एविडेंस एक्ट 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 होगी। तीनों कानून अंग्रेजों के जमाने के हैं और अब आधुनिक भारत में जरूरत है इनको बदला जाये और यही वजह है कि सरकार इन्हें बदलने की बात कर रही है।

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