पश्चिम बंगाल के 22 जिलों में आज सुबह 7 बजे से पंचायत चुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया है। मतदान शुरू होते ही बंगाल में हिंसा, तोड़फोड़-आगजनी भी शुरू हो गई। हिंसा के बीच पंचायत चुनाव में 73 हजार से अधिक सीटों पर मतदान हो रहा है। मतदान को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद पंचायत चुनाव के दौरान राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती की गई है। केंद्रीय बलों के करीब 83 हजार जवानों की मतदान केंद्रों पर तैनाती की गई है। केंद्रीय बलों के साथ 19 राज्यों की सशस्त्र पुलिस भी बंगाल में तैनात है, जिन्हें चुनाव के दौरान सुरक्षा का जिम्मा दिया गया है। इसके बावजूद कूचबिहार में एक एक पोलिंग बूथ में तोड़फोड़ और बैलेट पेपरों को आग लगाने की घटना सामने आई है।
राज्य चुनाव आयोग के मुताबिक 22 जिलों की 63,229 ग्राम पंचायत सीटों, पंचायत समिति की 9,730 सीटों और जिला परिषद की 928 सीटों पर चुनाव प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इसमें बंगाल के 5,67,21,234 (5.7 करोड़) वोटर्स कैंडिडेट की किस्मत का फैसला करेंगे। जबकि चुनाव के नतीजे 11 जुलाई को आएंगे। बता दें कि 2024 में होने वाले आगामी लोकसभा चुनाव से पहले होने वाले इन पंचायत चुनावों को लिटमस टेस्ट के रूप में देखा जा रहा है।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पूरे बंगाल में केंद्रीय बलों की 485 कंपनियां तैनात हैं। इन कंपनियों के 65,000 जवानों को चप्पे-चप्पे पर तैनात किया गया है। 485 कंपनियों में से अलीपुरद्वार में 10, बांकुरा में 11, बीरभूम में 20, कूचबिहार में 28, दक्षिण दिनाजपुर में 10, दार्जिलिंग में 4, हुगली में 28, हावड़ा में 37, जेलपाईगुड़ी में 10, झारग्राम में 5, मालदा में 30, मुर्शिदाबाद में 45, नदिया में 31, उत्तर 24 परगना में 35, पश्चिम बर्धमान में 10, पश्चिम मेदिनीपुर में 20, पूर्व बर्धमान में 33, पूर्व मेदिनीपुर में 37, पुरुलिया में 26, दक्षिण 24 परगना में 30 और उत्तर दिनाजपुर में 25 कंपनियां तैनात की गई हैं।
टीएमसी की ओर से जहां सीएम ममता बनर्जी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाला। वहीं, बीजेपी की ओर से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष और विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने प्रचार की कमान संभाली। उधर, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कांग्रेस के लिए चुनावी अभियान का नेतृत्व किया। मतदान से एक दिन पहले मुर्शिदाबाद जिले के रानीनगर ब्लॉक में सत्तारूढ़ टीएमसी से जुड़े अज्ञात लोगों ने शुक्रवार सुबह कांग्रेस कार्यकर्ता के साथ मारपीट की थी, जिसके चलते उसकी जान चली गई।
घटना राज्यपाल सीवी आनंद बोस के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरान करने के लिए पहुंचने से कुछ घंटे पहले हुई। गुरुवार की रात कूच बिहार जिले के दिनहाटा उपमंडल की बामनहाट-2 पंचायत में कथित तौर पर टीएमसी कार्यकर्ताओं की ओर से फायरिंग की गई, जिसमें बीजेपी के चार कार्यकर्ता घायल हो गए। चुनाव कराने के लिए केंद्रीय 822 कंपनियां तैनात की जानी थी लेकिन शुक्रवार दोपहर तक 585 ही पहुंच सकीं।
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव से पहले पिछले कुछ दिनों में मुर्शिदाबाद, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, उत्तर दिनाजपुर, मालदा और कूचबिहार जैसे जिलों में हिंसा की कई घटनाओं सामने आई हैं। ऐसे में राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए मतदान बेहद चुनौतिपूर्ण है। इन चुनावों के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है और यहां तक कि उन्हें परिणाम घोषित होने के बाद दस दिनों तक रुकने का आदेश दिया गया, ताकि चुनाव के बाद किसी भी तरह की हिंसा को रोका जा सके।
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