चीन ने बीआरआई के बाद अब वैश्विक सुरक्षा पहल (Global Security Initiative, जीएसआई) का प्रपोजल दिया है। इसका मकसद एक एशियाई सुरक्षा ढांचा का निर्माण करना है। इस पहल की सूचना प विदेश मंत्री ले युचेंग ने बीते हफ्ते दी थी। इस वैश्विक सुरक्षा पहल की तुलना अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो से की जा रही है, जिसके 32 सदस्यों में से 30 यूरोप से हैं।
नाटो के आर्टिकल पांच के मुताबिक, किसी भी एक सदस्य मुल्क पर बाहरी आक्रमण बाकी अन्य मुल्कों पर हमला माना जाएगा। चीन एशिया में अमेरिका के निरंतर बढ़ते प्रभाव से परेशान है। ऐसे में वो नाटो जैसे एक नया गठबंधन बनाना चाहता है, ताकि अमेरिका पर दबाव बढ़ा सके। इसमें पाकिस्तान जैसे देशों को चीन शामिल कर सकता है।
कई सूत्रों ने बताया कि चीन का ये निर्णय ऐसे वक्त में लिया जा रहा है जब चीन को मुश्किलें बढ़ रही है कि उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपना असर बढ़ा सकता है। वहीं, चीन की 'बेल्ट एंड रोड पहल' को कई भू-राजनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
चीन बढ़ते कोरोना केसों के चलते चीनी अर्थव्यवस्था की कमर टूट गई है। चीन दशकों बाद सबसे खराब आर्थिक स्थिति का सामना कर रहा है। ऐसे में चीनी प्रेसिडेंट लोगों के बीच फैल रहे गुस्से को शांत करने के लिए सुरक्षा के मोर्चे पर एक नई कहानी को आकार देने में बिजी हैं।
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