IIT के छात्र में लगाई फांसी, सुसाइड नोट में लिखा ‘पापा जिद्दी हैं और मम्मी मजबूर… I Quit’

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मध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश के इंदौर से एक दुखद खबर आ रही है। यहां एक IIT के छात्र ने अकेलेपन की वजह से फांसी लगा ली। जी हाँ इंदौर के नर्मदा वैली डेवलपमेंट अथॉरिटी (NVDA) के एक अधिकारी रैंक के बेटे सार्थक ने घर में ही फांसी लगाकर ख़ुदकुशी कर ली। अफसर के बेटे ने जिस वक्त फांसी लगाई उस वक्त वह घर में एकदम अकेला था।

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जानकारी के मुताबिक सार्थक ने जब फांसी लगाई तब उसका छोटा भाई वात्सल्य आईटी की कोचिंग के लिए गया हुआ था और मां अहमदाबाद में थी जबकि पिता ड्यूटी पर गए हुए थे। बताया जा रहा है कि जिस वक्त ये घटना घटी थी उस वक्त घर में मौजूद कुत्ता काफी तेजी से भौंक रहा था लेकिन पड़ोसियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। घटना का पता पड़ोसियों को तब चला जब कॉलोनी के अंदर एंबुलेंस और सायरन आवाजें सुनाई देने लगीं। इसके बाद लोगों ने घर से बाहर जाकर देखा, तो सार्थक के घर के बाहर भीड़ थी। कुछ देर बाद पता लगा कि सार्थक ने घर के पीछे बनी बालकनी में फांसी लगा ली है।

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पड़ोसियों का कहना है कि 2 साल पूर्व विजित कुमार अपने परिवार के साथ एनवीडीए कॉलोनी में रहने आए थे। परिवार वाले किसी से ज्यादा मतलब नहीं रखते थे। दोनों भाई सिर्फ पढ़ाई में ही लगे रहते थे। सार्थक खड़गपुर से आईआईटी कर रहा था और कुछ दिन पहले ही इंदौर आया था। सार्थक ने एक सुसाइड नोट भी लिखा है, जिसमें सबसे अंत में उसने आई क्विट (I Quit) लिखा है। इसके साथ ही उसने लिखा है ‘उसने कई उम्मीदों से जेईई की तैयारी की थी। सोचा था कैम्पस एंजाय करूंगा, लेकिन ऑनलाइन असाइनमेंट के चक्कर में फंस गया।

उसने लिखा कि पापा जिद्दी हैं और मम्मी मजबूर… उन्हें मुझसे और छोटे भाई वात्सल्य के साथ भी ऐसी बात करनी चाहिए थी, जैसी बात वे अपने भाई और बहनों के साथ करते थे। सार्थक ने पिता को लेकर लिखा है कि काश! आप हमारे साथ और भी समय बिताते। देवेंद्र काका जैसी समझ आपमें होती। हालांकि सार्थक ने किसी पर आरोप नहीं लगाए हैं और ना ही किसी को मौत का जिम्मेदार ठहराया है। बताया जाता है कि कैम्पस सिलेक्शन को लेकर भी वह डिप्रेशन में बताया जा रहा था।

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