जानें क्यों राहुल गांधी ने कहा- अगर बापू होते तो करते इस कानून विरोध!

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नई दिल्ली॥ केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को लेकर विपक्षी दल और किसान संगठन देशभर में सड़कों उतर चुके हैं। प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस लगातार मोदी सरकार को किसान विरोधी बताने में लगी है। इस बीच पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया है कि उन्होंने किसानों से इन कानूनों के बारे में बातचीत की है, जिसमें किसानों ने महात्मा गांधी को याद किया और नए कृषि कानूनों को ‘काला कानून’ बताया है। उन्होंने कहा कि ये कानून देश के अन्नदाता को मजदूर बनाने का काम करेंगे।

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राहुल गांधी ने मंगलवार को किसानों से वीडियो चैट के दौरान कहा कि कांग्रेस पार्टी किसान हित में खड़ी है और सरकार के खिलाफ लड़ाई भी लड़ेगी। इस दौरान उन्होंने कृषि कानून का विरोध करते हुए इसे अंग्रेजों का कानून करार दिया। उन्होंने यह भी कहा कि ये तीनों कृषि कानून किसी भी तरह से नोटबंदी-जीएसटी से अलग नहीं है। बस फर्क इतना है कि पहले जनता के पैर पर तीन बार कुल्हाड़ी मारी गई, इस बार सीधे दिल में खंजर घोपा गया है।

आज महात्मा गांधी जिंदा होते तो इस कानून का विरोध करते

राहुल गांधी ने किसानों के हवाले से कहा कि उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर कोई भरोसा नहीं दिया गया। ऐसे में इन कानूनों से सिर्फ अमीरों का भला होगा। महाराष्ट्र के एक किसान ने कहा कि अंग्रेजों से लड़ाई के लिए महात्मा गांधी ने कई आंदोलन किए, आज महात्मा गांधी जिंदा होते तो इस कानून का विरोध करते। एक अन्य किसान ने कहा कि पहले ईस्ट इंडिया कंपनी थी और अब ये कॉरपोरेट कंपनियां आ जाएगी। उन्होंने सवालिया लहजे में यह भी कहा कि क्या लगता है अडानी-अंबानी सीधे किसानों से उपज खरीदेंगे, नहीं बल्कि वो भी फसल खरीदने के लिए बिचौलिए को ही भेजेंगे।

उल्लेखनीय है कि मानसून सत्र में संसद से तीन कृषि विधेयकों के पारित होने के बाद से देशभर में विशेषकर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान खासे नाराज हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं। जब ये विधेयक (अब कानून) पास हुए उस समय राहुल गांधी विदेश में थे। ऐसे में अब वो देश में किसानों से वीडियो चैट के जरिए सम्पर्क कर रहे हैं और कानूनों को लेकर उनकी चिंताएं जान रहे हैं। इसी क्रम में आज किसानों से उन्होंने बात की।

 

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