नई दिल्ली। भारतीय सेना ने इंडो चाइना बॉर्डर (Indo-China Border) पर कई तरह के रॉकेट और तोपें तैनात कर गोलाबारी की अपनी ताकत में जबरदस्त इजाफा कर लिया है। सेना की योजना अभी और 100, के-9 वज्र होवित्जर और मानव रहित यान(यूएवी) सहित बड़ी संख्या में अतिरिक्त सैन्य उपकरण खरीदने की भी है। भारतीय थल सेना की तोपखाना इकाइयां, के-9 वज्र ‘ट्रैक्ड सेल्फ प्रोपेल्ड होवित्जर’, अत्यधिक हल्के एम-777 होवित्जर, पिनाका रॉकेट प्रणालियां और धनुष तोप प्रणालियां पहले ही चीन सीमा पर तैनात की जा चुकी हैं।(Indo-China Border)
रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सेना की योजना वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपनी तोपखाना इकाइयों को 90 किलो मीटर तक की रेंज को मानव रहित यान से लैस करने की है। एक सूत्र के हवाले से बताया जा रहा है कि ‘हम 15-20 किमी की दूरी तय करने वाले और चार घंटों तक 80 किमी के दायरे में निगरानी करने वाले मानव रहित यान खरीदने की योजना पर भी विचार कर रहे हैं।’
सूत्रों के मुताबिक सेना 100 और के-9 वज्र होवित्जर की नयी खेप जल्द ही प्राप्त करने वाली है। यह 2017 में इस तरह की 100 तोपों के लिए दिये गये ऑर्डर के अतिरिक्त होगी। ये भी बताया जा रहा है कि ‘रक्षा खरीद परिषद ने 100 और के-9 वज्र का आर्डर करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। अनुरोध प्रस्ताव जल्द ही जारी कर दिया जाएगा।’ (Indo-China Border)
सूत्रों के अनुसार के-9 वज्र को मुख्य रूप से रेगिस्तानी क्षेत्र में तैनात करने के लिए खरीदा गया था लेकिन पूर्वी लद्दाख गतिरोध के बाद सेना ने काफी संख्या में होवित्जर को अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र में तैनात करने का फैसला लिया। सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना शीतकालीन किट भी खरीद रही है ताकि होवित्जर शून्य डिग्री सेल्सियस से कम तापमान में भी काम कर सके।’ उन्होंने ये भी कहा कि उत्तरी सीमा पर अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर वज्र तोपें पहले से ही तैनात हैं।(Indo-China Border)
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