इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) अपने पैसेंजरों का डेटा बेचकर कमाई करने का प्लान बना रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, IRCTC को डिजिटल मोनेटाइजेशन से 1000 करोड़ रुपए की कमाई होगी।
IRCTC के इस प्लान के सामने आने के बाद इसके शेयर में आज (19 अगस्त) सुबह करीब 4% की तेजी देखने को मिली। हालांकि, BSE पर IRCTC का शेयर प्रीवियस क्लोज 714.15 के मुकाबले 2.08% की बढ़त के साथ 729.00 रुपए पर बंद हुआ। शेयर ने कारोबार के दौरान 751.85 रुपए का हाई बनाया।
1000 करोड़ रुपए का रेवेन्यू बढ़ाने का प्लान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय रेलवे की ऑनलाइन टिकट बुकिंग ब्रांच डिजिटल मोनेटाइजेशन के जरिए 1000 करोड़ रुपए का रेवेन्यू बढ़ाने का प्लान बना रही है।
कंपनी का कहना है कि IRCTC में बड़ी संख्या में डिजिटल डेटा है, जो इसके लिए मोनेटाइजेशन के कई अवसर खोलता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, टेंडर के तहत नियमों के अंतर्गत कंपनी की वेबसाइट के यूजर्स की पर्सनल जानकारी किसी के साथ शेयर नहीं की जाएंगी।
IRCTC ने प्लान के लिए टेंडर भी जारी किया
IRCTC ने अपने इस प्लान के लिए टेंडर भी जारी कर दिया है। अब इस टेंडर को लेकर यूजर्स के मन में प्राइवेसी और सेफ्टी से जुड़े कई सवाल उठाए जा रहे हैं।
IRCTC के इस प्लान को लेकर इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन ने जानकारी शेयर की है। इस टेंडर में बताया गया है कि IRCTC एक कंसलटेंट अपॉइंट करेगी। यह कंसलटेंट उन्हें यूजर्स के डेटा को मोनेटाइज करने के तरीकों पर सुक्षाव देगा।
IRCTC ने टेंडर में कहा है कि यूरोपीय जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन और पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2018 जैसे नियमों का गहन एनालिसिस कंसलटेंट करेंगे, ताकि यह तय हो सके कि मॉनेटाइजेशन का प्रस्ताव सही दिशा में और सुप्रीम कोर्ट के डेटा प्राइवेसी को लेकर दी गई गाइडलाइंस के मुताबिक हो।
IRCTC के पास यूजर्स का 100TB डेटा
IRCTC के पास यूजर्स का 100TB से ज्यादा डेटा है। जिसमें यूजर्स के नाम, नंबर से लेकर एड्रेस जैसी तमाम डिटेल्स शामिल हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि IRCTC और सरकार यूजर्स की पर्सनल डिटेल्स बेचकर पैसा कमाने की प्लानिंग कर रही है।
IRCTC आपका पर्सनल डेटा बेचेगी?
कंपनी इस डेटा पर कंट्रोल कभी नहीं छोड़ना चाहेगी। IRCTC के पास मौजूद 100TB डेटा कभी बेचा भी नहीं जाएगा। क्योंकि इसे बेचकर IRCTC सिर्फ एक बार ही कमाई कर पाएगी। हालांकि, कंपनी का प्लान है कि डेटा का इस्तेमाल कर समय-समय पर पैसा कमाया जा सके।
ऐसे पैसा कमा सकती है IRCTC
अभी ऐसा होता है कि यूजर किसी ट्रेन में ट्रैवल कर रहा है और खाना ऑर्डर करने के लिए ई-कैटरिंग का इस्तेमाल करता है। इस नए प्लान के आने के बाद हो सकता है कि जब यूजर ट्रेन में ट्रैवल करे तो उसके पास कुछ ई-कैटरिंग कंपनियों के नोटिफिकेशन आने शुरू हो जाएं, जहां से वो अपने लिए खाना ऑर्डर कर सकता है।
दूसरा यह भी हो सकता है कि अभी यूजर्स IRCTC का इस्तेमाल ट्रेन टिकट बुकिंग के लिए करता है और इसके बाद अपने डेस्टिनेशन स्टेशन से घर जाने के लिए कैब बुक करते हैं? इस हिसाब से आगे ऐसा हो सकता है कि यूजर्स को कुछ समय बाद कैब के सजेशन या कॉल्स स्टेशन पर पहुंचते ही आने लगेंगे।
IRCTC का यह है प्लान
IRCTC इस डेटा को किस तरह से इस्तेमाल करेगी इस बात की पुष्टी अभी नहीं हुई है। कंपनी का कहना है कि वह यूजर्स के एक्सपीरियंस को बेहतर करना चाहती है। साथ ही थर्ड पार्टी से डेटा शेयर करके पैसे भी कमाने का सोच रही है। IRCTC के इस प्लान पर इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन (IFF) और कई लोग यूजर्स की प्राइवेसी को लेकर चिंतित हैं।
डेटा प्रोटेक्शन कानून नहीं होने की स्थिति में IRCTC इस डेटा को थर्ड पार्टी वेंडर्स से कैसे शेयर करेगी? इससे पहले व्हीकल्स के डेटा बेस को लेकर भी IFF सरकार को पत्र लिख चुका है। IFF को डर है कि यूजर्स के डेटा का गलत इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
IRCTC के 8 करोड़ से ज्यादा यूजर्स
IRCTC रेलवे टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग के लिए भारतीय रेलवे की अधिकृत एकमात्र यूनिट है। इतना ही नहीं IRCTC एकमात्र यूनिट है, जो केटरिंग पॉलिसी 2017 के तहत रेलवे स्टेशनों पर केटरिंग सर्विसेज को मैनेज करने के लिए अधिकृत है।
कंपनी के आंकड़ों के अनुसार, IRCTC के जरिए वित्तीय वर्ष 2021-22 में लगभग 430 मिलियन (43 करोड़) टिकटों की बुकिंग हुई है। साथ ही करीब 6.3 मिलियन (63 लाख) डेली लॉगिन हुए हैं और इसकी ऑनलाइन सेवाओं के 80 मिलियन (8 करोड़) से ज्यादा यूजर्स हैं। वहीं 46% से ज्यादा टिकट बुकिंग मोबाइल ऐप के जरिए की जाती हैं।
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