हिंदू धर्म में अक्षत का मतलब चावल होता है। ऐसा माना जाता है कि चावल पृथ्वी पर सबसे पहले उगाई जाने वाली फसल थी, इसलिए इसे पहला अनाज माना जाता है। हिंदू धर्म में किसी भी देवी-देवता की पूजा करते समय चावल का इस्तेमाल जरूर किया जाता है।
चावल को सबसे अच्छा और शुद्ध माना जाता है। सफेद चावल का रंग शांति का प्रतीक है। चावल को पहला अनाज माना जाता है क्योंकि यह पृथ्वी पर सबसे पहले उगाया गया था। सभी देवताओं को अक्षत यानी चावल चढ़ाया जाता है।
सनातन धर्म में कोई भी शुभ कार्य अक्षत या पीले चावल के बिना पूरा नहीं होता है। ध्यान रखें कि चढ़ाते समय अक्षत या पीले चावल टूटे नहीं। टूटे हुए चावल अशुभ माने जाते हैं।
आपको बता दें कि हिन्दू धर्म में पूजा के दौरान चावल चढ़ाने का खास महत्व होता है. ऐसी मान्यता है कि अगर पूजा में कोई चीज न हो तो चावल उसकी कमी पूरी कर देता है।
चावल सफेद कलर का होता है इसलिए इसे शांति का चिन्ह माना जाता है। चावल को सबसे शुद्ध अनाज की तरह देखा जाता है।
नोट- उपरोक्त बातें सामान्य जानकारी पर आधारित हैं। हमारी टीम इसका समर्थन नहीं करती है।
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