जबलपुर: Hip replacement में बड़ी लापरवाही, जिंदगीभर के लिए महिला हुई विकलांग

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जबलपुर, 22 मार्च। तीन संतानों के बावजूद हाल में ही पदोन्नति दिए जाने के मामले में सुर्ख़ियों में आए नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के डॉ. अशोक विद्यार्थी पर गलत तरीके से ऑपरेशन करने के साथ निर्धारित आकार के कूल्हा प्रत्यारोपण (Hip replacement) के स्थान पर छोटे आकार का हिप ज्वाईंट लगाकर एक महिला को जीवन भर के लिए विकलांग बना देने का आरोप महिला के पुत्र ने लगाया है।

Hip replacement

सागर के देवरी निवासी पेशे से किसान स्व. अनिरुद्ध लोधी की पत्नी 48 वर्षीय मनोरमा लोधी के पुत्र राजा लोधी का आरोप है कि डॉ. विद्यार्थी एवं अशोक तिर्की ने कथित तौर पर इस तरह गलत तरीके से कूल्हा प्रत्यारोपण (Hip replacement) का ऑपरेशन किया गया  कि विगत 4 माह से उसकी माँ बिस्तर से उठ नहीं पाईं हैं।

पीड़िता के पुत्र ने यह भी आरोप लगाया कि आयुष्मान योजना में उपचार के बावजूद उनसे दोनों चिकित्सकों ने 40 हजार रुपए दवाइयों और जांच के नाम पर लिया गया। यही नहीं डिस्चार्ज होने के बाद 15 दिनों बाद डिस्चार्ज दर्शाया गया। पीड़िता के पुत्र ने आरोप लगाया है कि उन्होंने इस मामले में दो बार सीएम हैल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई गई लेकिन दोनों चिकित्सकों ने शिकायतों को दबवा दिया।

पहले निजी अस्पताल में उपचार

राजा ने आरोप लगाया है कि पहले डॉ. राकेश तिर्की ने रसल चौक स्थित एक निजी अस्पताल में उसकी माँ का ऑपरेशन किया जिसमें 40-50 हजार रुपए का खर्च आया। ऑपरेशन सफल न होने पर डॉ. तिर्की ने कथित तौर पर मेडिकल कॉलेज में आयुष्मान योजना के तहत नि:शुल्क ऑपरेशन का सपना दिखाया लेकिन यहाँ भी उससे करीब 40 हजार रुपए ले लिए गए।

महिला के बेटे का कहना है रुपए लेने के बावजूद यदि सही उपचार हो जाता तो कोई बात नहीं थी लेकिन इसके बावजूद दोनों चिकित्सकों ने गलत तरीके से ऑपरेशन कर गलत हिप रिप्लेसमेंट (Hip replacement) कर दिया गया जिससे अब उसकी माँ पूरी तरह विकलांग हो गई हैं। राजा ने यह भी आरोप लगाया कि आयुष्मान भारत योजना में आर्थों इक्विमेंट सप्लाई का ठेका भी कथित तौर पर डॉ. विद्यार्थी के पास है। आयुष्मान योजना के शासन की ओर से आने वाले इक्विपमेंट वे अपने मरीजों को जबकि अपनी कंपनी के इक्विमेंट मेडिकल के मरीजों को थोप देते हैं।

जिसके लिए योग्य थे वो किया गया

मैंने ऑपरेशन नहीं किया डॉ. राकेश तिर्की ने किया एचओडी होने के कारण मेरा नाम भी लिया जा रहा है। आयुष्मान योजना में नि:शुल्क उपचार किया जाता है, 15 दिन बाद डिस्चार्ज इसलिए दर्शाया गया क्योंकि डॉ. तिर्की ने उन्हें रोका था लेकिन वे बगैर बताए चले गए। आरोप निराधार हैं।

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